कमिशनरी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे सपा विधायक अुतल प्रधान

कमिशनरी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे सपा विधायक अुतल प्रधान

भाजपा सरकार में अधिकारी कर रहे मनमानी 

मेरठ। सोमवार को सपा विधायक अतुल प्रधान कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। सरधना के कुछ लोगों की टूटीसड़क,जमीनी विवाद और ओला कंपनी की समस्याओं को लेकर प्रधान कमिश्नर से समय लेकर मिलने के लिए आए थे। विधायक का आरोप है कि मंडलायुक्त ने उनकी शिकायत नहीं सुनी है।

विधायक अतुल प्रधान का आरोप है कि इस सरकार में अधिकारी मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं। अधिकारी जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं दे रहे है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की जानकारी में भी मामला संज्ञान में लाने की बात कही है। जिसके बाद सपा विधायक ने कमिश्नर कंपाउंड में ही मंडलायुक्त के दफ्तर के बाहर सीढ़ियों पर बैठकर जनता दरबार लगाया। वहीं लोगों की समस्याओं को सुनने लगे।

विधायक अतुल प्रधान कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे के पास जनता की समस्याओं को लेकर आए थे। इस दौरान कमिश्नर ने उन्हें नजर अंदाज कर दिया। सपा विधायक का आरोप है कि कमिश्नर का व्यवहार जनप्रतिनिधियों के प्रति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र में जीते हैं।दस बजकर तीस मिनट पर सोमवार को कमिश्नर से मिलने का समय लिया था। ठीक 10 बजे मैं कमिश्नर कार्य कार्यालय पहुंचा। जिससे जनता की समस्या को उन तक पहुंचा सके। उन्होंने समस्या सुनने के बजाय अनसुना कर दिया। विधायक ने कहा, आप जनता की बात सुन लीजिए कमिश्नर ने कहा आप बोलते रहिए मैं सुन रही हूं। जिसके बाद वह काम में व्यस्त हो गईं। जब जनप्रतिनिधियों की ही वो बात नहीं सुनेंगे तो जनता की क्या सुनेंगे। जनता के प्रति जिम्मेदारी है वह नहीं सुनेंगे तो काम कैसे होगा।

विधायक ने बताया कि उनके इलाके में एक पीएचसी बनना है। उसकी जमीन पर कब्जा है। जिसके कारण पीडब्ल्यूडी का काम शुरू नहीं हो पा रहा था। एसडीएम से शिकायत की थी लेकिन अब तक मामला निस्तारित नहीं हुआ इसी शिकायत को लेकर वह कमिश्नर के पास पहुंचे थे।सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि अपनी बात हमने विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंचा दी हैं। उम्मीद है कि सीएम योगी तक भी उनका यह संदेश पहुंच जाएगा। विधायक ने कहा कि पिछले दिनों सीएम योगी ने स्वयं कहा था कि अफसर जनप्रतिनिधियों से अच्छा व्यवहार करें। उनकी सुनवाई करें। हम तो विपक्ष के नेता हैं। इस सरकार में तो सरकार के मंत्रियों और विधायकों की भी बात को अधिकारी तवज्जो नहीं दे रहे हैं ।विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि थोड़ी देर यहां फर्श पर बैठ लेते हैं। इन लोगों ने लोकतंत्र में स्वयं को भगवान मान लिया है। हम लोग जिन्हें जनता ने चुना है वो इनके लिए प्यांदे हैं। मेरा निजी काम नहीं ये जनता का काम है। उनकी ही सुनवाई नहीं हो रही। अफसरों को जनप्रतिनिधियों से कैसा व्यवहार करना है यह बताया नहीं गया। अफसर जनता की बात ही नहीं सुनना चाहते। जब सुनवाई नहीं करेंगे तो समस्या का हल कैसे होगा। आप किसी भी सरकार के जनप्रतिनिधि से बात कर लें उनकी भी सुनवाई नहीं होती।