अथर्ववेद पारायण महायज्ञ,सद्गुरु कृपा से होगा आत्म कल्याण : सिद्धगुरु
संवाददाता मनोज कलीना
बिनौली: जिवाना गुलियान के नीलकंठ आश्रम में प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में चल रहे पांच दिवसीय अथर्ववेद पारायण महायज्ञ के चौथे दिन बुधवार को सिद्धगुरु महाराज ने कहा कि, सद्गुरु कृपा से आत्म कल्याण होता है।
सिद्धगुरु महाराज ने श्रद्धालुओं को उपदेश देते हुए कहा कि, मनुष्य को जीवन मे पाप कर्म से बचना चाहिए और अधिक से अधिक श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। जो भक्तजन यज्ञ में आहुति प्रदान कर रहे हैं, वो बड़े सौभाग्यशाली हैं।कहा, गुरुसेवा बड़े पुण्य कर्मों से मिलती है। ऐसे ही यज्ञ कर्म भी बहुत शुभ कर्मों के उपरांत करने से मिल पाता है।
आचार्य चंद्रमणि याज्ञिक ने कहा कि, धर्म मनुष्य को जोड़ता है। वेद धर्म का मूल है। वेद किसी धर्म जाति का नहींं वरन् प्राणिमात्र का है। लाक्षागृह गुरुकुल बरनावा के आचार्य अमित शास्त्री, आचार्य अंकुर भारद्वाज ने सस्वर वेदपाठ के साथ ईश भक्ति से ओतप्रोत सुमधुर भजन प्रस्तुत किए। तन्मय मुधोलकर सपत्नीक यज्ञमान रहे। यज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आहुति देकर धर्मलाभ उठाया।