उपभोक्ताओं ने जिला पूर्ति अधिकारी से बायोमेट्रिक मशीन बदलवाने की मांग की

उपभोक्ताओं ने जिला पूर्ति अधिकारी से बायोमेट्रिक मशीन बदलवाने की मांग की

महेन्द्र राज  (मण्डल प्रभारी)

बांगरमऊ उन्नाव 23 फरवरी 2024 ।। राशनिंग व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने कोटेदारों को नई बायोमेट्रिक मशीन तथा तराजू उपलब्ध कराई है । लेकिन एक पखवाड़े के अंदर ही नई मशीन जवाब देने लगी है । जिससे जहां उपभोक्ता पूरे दिन दुकान पर खड़े रहने को मजबूर हैं, वहीं कोटेदारों को भी जलालत झेलनी पड़ रही है। उपभोक्ताओं ने जिला पूर्ति अधिकारी से बायोमेट्रिक मशीन बदलने की मांग उठाई है ।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न  योजना के तहत अंत्योदय तथा  पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से  प्रति यूनिट 5 किलो राशन मुफ्त  दिया जा रहा है । राशनिंग व्यवस्था पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से सरकार ने इसी माह फरवरी से कोटेदारों को नई बायोमेट्रिक मशीन तथा ऑटोमेटिक  तराजू उपलब्ध कराया है । बायोमेट्रिक मशीन और तराजू दोनों एक-दूसरे से कनेक्ट हैं। अंगूठा लगने के बाद बायोमेट्रिक मशीन यह घोषणा करती  है कि उपभोक्ता को कौन सा और कितना राशन दिया जाना है । इसी के तहत बायोमेट्रिक से कनेक्ट ऑटोमेटिक तराजू राशन तौलता है ।साथ ही मशीन से एक पर्ची  निकालती है।जिसमें राशन की किस्म और  क्वांटिटी  दर्ज होती है । यहां तक तो मामला एकदम ठीक दिख रहा है। लेकिन इसी बीच सर्वर डाउन  होने के   कारण बायोमेट्रिक मशीन और ऑटोमेटिक तराजू के बीच कनेक्टिविटी भंग हो जाती है। फिर यह मशीन व  तराजू शोपीस बनकर रह जाते हैं और  उपभोक्ता तथा कोटेदार दोनों  मूकदर्शक बन  जाते हैं । उपभोक्ताओं ने जिला पूर्ति अधिकारी से कोटेदारों को अच्छी क्वालिटी की मशीनें उपलब्ध कराने की मांग उठाई है।

बाक्स

नगर के मोहल्ला चौघड़ा निवासी राजेश गुप्ता ने बताया कि उन्हें 10 किलो राशन मिलता है और राशन लेने के लिए 2 दिन की दिहाड़ी खराब होती है। जिससे यह राशन  घाटे का सौदा साबित हो रहा है । मोहल्ला दरगाह शरीफ निवासी हबीब अहमद ने बताया कि राशन लेने के लिए वह कई दिनों से दुकान के चक्कर लगा रहे हैं । लेकिन मशीन की खराबी के चलते उन्हें राशन नहीं मिल सका है । नाम न छापने की शर्त पर कई कोटेदारों ने बताया कि राशन तुलवाने के लिए उन्हें कम से कम  एक मजदूर रखना पड़ता है । जिसे प्रतिदिन 500 तक की दिहाड़ी देना पड़ती है । लेकिन जिस दिन  मशीन   खराब और सर्वर डाउन हो जाता है , उस दिन मजदूर को मुफ्त में ही दिहाड़ी देनी पड़ती है।  सरवर डाउन होने  के कारण कोटेदार दिन भर में  10 से 20 उपभोक्ताओं को ही राशन दे पा रहे हैं । जिससे उन्हें भारी घाटा हो रहा है । कोटेदारों ने यह भी बताया कि यह मशीन  अभी तो  नई है।पुरानी होने पर यह मशीनें एकदम काम करना बंद कर देंगी। तब कोटेदार और उपभोक्ताओं के सामने गंभीर समस्या उत्पन्न होगी।