हंस आजीविका परियोजना के तहत मानिकपुर में समन्वय कार्यशाला का आयोजन, सरकारी योजनाओं के सही कार्यान्वयन पर जोर।
मानिकपुर, चित्रकूट ब्यूरो:
द हंस फाउंडेशन द्वारा संचालित हंस आजीविका परियोजना के अंतर्गत मानिकपुर के ब्लॉक सभागार में सोमवार को एक दिवसीय समन्वय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को सही तरीके से लागू करके जरूरतमंदों तक उनकी पहुँच सुनिश्चित करना था, ताकि ग्रामीण समुदाय अपनी आजीविका को बेहतर बना सके और जीवन स्तर में सुधार कर सके।
कार्यशाला की शुरुआत परियोजना प्रबंधक संतोष कुमार मिश्रा ने की, जिन्होंने बताया कि हंस फाउंडेशन देश के 26 राज्यों में समाज के शोषित और वंचित वर्गों के लिए कार्य कर रहा है। फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, विकलांगता, आपदा प्रबंधन और आजीविका के क्षेत्रों में सुधार लाकर इन वर्गों को सशक्त बनाना है। मिश्रा ने कहा कि फाउंडेशन के प्रयासों से इन समुदायों को मुख्य धारा में लाने और उनके जीवन स्तर को सामान्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है।
कार्यशाला में ब्लॉक विकास अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने कहा कि मानिकपुर के कई गांवों में प्राकृतिक खाद बनाने का कार्य अच्छे से चल रहा है, जिससे स्थानीय किसान अपनी फसल उत्पादन को बढ़ा सकते हैं और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता। इसके अतिरिक्त, पशु चिकित्साधिकारी तरुण कुमार साहू ने बताया कि विभाग द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य कैंप आयोजित किए जाते हैं, जिनमें पशुधन की देखभाल की जाती है, ताकि क्षेत्र में पशु स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सके।
कार्यशाला में सहायक विकास अधिकारी मोहनलाल, हंस फाउंडेशन के ब्लॉक समन्वयक मुकेश तिवारी, विषय विशेषज्ञ श्रीकांत सरोज, फील्ड समन्वयक शफाक खातून और शिवम् कुमार समेत अन्य अधिकारी और विशेषज्ञ भी उपस्थित थे। इन सभी ने सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों तक प्रभावी पहुँच सुनिश्चित करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
समन्वय कार्यशाला में यह निर्णय लिया गया कि सरकार की योजनाओं के सही तरीके से कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों को एकजुट होकर काम करना होगा। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि योजनाओं का लाभ वास्तव में उन तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। कार्यशाला के दौरान योजनाओं के समुचित कार्यान्वयन से ग्रामीण समुदायों में वास्तविक बदलाव लाने के लिए स्थानीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने की बात भी की गई।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह था कि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से लाभ उन ग्रामीणों तक पहुंचे, जिनके पास जानकारी और संसाधनों की कमी है। इसके माध्यम से स्थानीय किसानों, महिला समूहों और अन्य वंचित वर्गों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में ठोस कदम
उठाए जाएंगे।