बिजली कटौती बनी किसानों के लिए मुसीबत नाराज किसानों ने किया चक्का जाम
- योगी सरकार में बिजली और खाद के लिए तरस रहे किसान
चित्रकूट: जिले में इन दिनों जहां बिजली कर्मचारी 15 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं तो वहीं अब जिले की बिजली व्यवस्था भी चरमरा गई है। एक ओर जहां किसानों को खेतों में सिंचाई करने के लिए पानी की जरूरत है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों को बिजली न मिल पाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। किसान अब पानी लगाने के लिए बिजली के आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन 3 दिन बीत गया है और नलकूप कनेक्शन धारी किसानों को बिजली आपूर्ति नहीं की गई है। जिससे आक्रोशित किसान प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होने लगे हैं। बताया जा रहा है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिससे किसानों की फसल बर्बाद होने के साथ-साथ किसानों की बुवाई भी बाधित हो गई है। एक और जहां सूबे की सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ किसानों की आय 3 गुना बढ़ाने के दावे कर रही है तो दूसरी तरफ किसानों को बिजली और खाद न मिल पाना किसानों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है और किसान की आर्थिक स्थिति तो मजबूत नहीं हो सकती, लेकिन किसान अपने परिवार का पालन पोषण ऐसी दशा में आने वाले वक्त में नहीं कर पाएगा यह अंदेशा जरूर बना हुआ है।
--नाराज किसानों ने नेशनल हाईवे को किया जाम----
बिजली और उर्वरक खाद की आपूर्ति न होने की वजह से नाराज किसानों ने भरतकूप थाना क्षेत्र के भरतकूप कस्बा में नेशनल हाईवे को जाम कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और किसानों ने मांग की कि तत्काल सरकार को किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। क्योंकि वर्तमान की भाजपा सरकार किसानों की हितैषी बन रही है, लेकिन किसानों को न तो बिजली दे पाने में सक्षम है ना ही किसानों को उर्वरक खाद उपलब्ध कराई जा रही जिससे किसानों के जीवन में आने वाला संकट दिखने लगा है किसानों को कोई रास्ता समझ में नहीं आ रहा कि किसान अपने खेत की जुताई बुवाई व सिंचाई कैसे करें। बताया जा रहा है कि जब संबंधित नेशनल हाइवे जाम करने की जानकारी भरतकूप हल्का प्रभारी यदुवीर सिंह को लगी तो उन्होंने पुलिस बल के साथ आकर तत्काल किसानों की मान मनावत करते हुए जाम को हटवाया। लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि आखिर किसानों की समस्या का कब समाधान होगा या फिर किसानों की फसल बिना पानी के बर्बाद हो जाएगी और किसानों की सुनने वाला कोई नहीं रहेगा सिर्फ सोशल मीडिया और कागजों पर ही किसानों की आर्थिक स्थिति सरकार मजबूत करती रहेगी।