टीचर सेल्फ केयर टीम बनी दिवंगत शिक्षकों के परिवारों के लिए संजीवनी।

टीचर सेल्फ केयर टीम बनी दिवंगत शिक्षकों के परिवारों के लिए संजीवनी।

शिक्षक स्व. अशोक कुमार पटेल के परिजनों को आर्थिक सहायता, टी यश सी टी का अनुकरणीय प्रयास

चित्रकूट। शिक्षक समाज की पीड़ा को समझते हुए टीचर सेल्फ केयर टीम (T SCT) दिवंगत शिक्षकों के परिजनों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसी क्रम में स्व. अशोक कुमार पटेल के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर शिक्षक समाज के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे और दिवंगत शिक्षक को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

टीचर सेल्फ केयर टीम (T SCT) का सराहनीय योगदान

टी यश सी टी के संस्थापक प्रदेश अध्यक्ष विवेकानंद के निर्देशानुसार, हर माह की 15 से 25 तारीख के बीच सहायता राशि वितरित की जाती है। अब तक टीम द्वारा 276 दिवंगत शिक्षकों के परिवारों को लगभग 109 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है।

कार्यक्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शंशाक शेखर शुक्ला एवं टीचर केयर सेल्फ टीम के जिला संयोजक अमर बहादुर सिंह की उपस्थिति रही। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि "टीचर सेल्फ केयर टीम शिक्षकों के लिए, शिक्षकों द्वारा संचालित एक अनूठी पहल है।"

स्व. अशोक कुमार पटेल के परिजनों को बड़ी राहत

टी एस सी टी के प्रयासों से शिक्षक समाज 50 से 60 लाख रुपए की सहायता राशि नॉमिनी के खाते में एकत्रित करता है, जिससे दिवंगत शिक्षक के परिवार की आर्थिक कठिनाइयों को कम किया जा सके। यह टीम अब तक कई परिवारों के लिए संकटमोचक बन चुकी है।

वरिष्ठ पत्रकार शंकर प्रसाद यादव ने किया मार्गदर्शन

कार्यक्रम में सभासद एवं वरिष्ठ पत्रकार शंकर प्रसाद यादव ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और कहा कि "इस पहल से शिक्षक समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना मजबूत हो रही है।"

इन गणमान्य व्यक्तियों की रही उपस्थिति

कार्यक्रम में जिला प्रवक्ता धर्मेंद्र सिंह, कमलेश गुप्ता, देवेंद्र यादव, रावेंद्र सिंह, महेश प्रसाद पटेल, डॉ. संग्राम सिंह, अशोक सिंह, संजय निरंजन, राजेश सिंह, सुधींद्र सिंह, सौरभ सिंह, राजेंद्र सिंह, राजबहादुर, ओम प्रकाश सिंह, अनिल सिंह, महेंद्र सिंह पटेल, शिवशंकर यादव, आर. डी. सिंह, विद्यासागर, रमानिवास विश्वकर्मा, मिथिलेश, मनोज सिंह, नीतेश सिंह, राजेश सिंह पटेल सहित अनेक शिक्षकगण उपस्थित रहे।

टी यश सी टी की यह पहल न केवल दिवंगत शिक्षकों के परिवारों के लिए संजीवनी साबित हो रही है, बल्कि यह पूरे शिक्षक समाज को एक मजबूत सहारा भी दे रही है।