आयुक्त द्वारा जिला अस्पताल में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण

आयुक्त द्वारा जिला अस्पताल में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण

••अतिकुपोषित बच्चों तक सरकार की योजना का पहुंचे सीधा लाभ: सेल्वा कुमारी जे
••एनआरसी वार्ड में रिकॉर्ड ना दिखाए जाने पर आयुक्त ने की नाराजगी व्यक्त

ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक

बागपत।मेरठ मंडल की आयुक्त सेल्वा कुमारी जे ने आज जनपद के संयुक्त चिकित्सालय में बीमार अतिकुपोषित बच्चों के लिए अस्पताल में बने पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया। 

बता दें कि, कुपोषण पुनर्वास केंद्र में ऐसे बच्चों को मां के साथ भर्ती किया जाता है, जिनका शारीरिक विकास भी अवरुद्ध हो जाता है। पोषण पुनर्वास केंद्र यानि एनआरसी स्वास्थ्य सुविधा में एक इकाई है, जहां गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) वाले बच्चों को भर्ती किया जाता है और उनका प्रबंधन किया जाता है। बच्चों को निर्धारित प्रवेश मानदंडों के अनुसार भर्ती कर उन्हें चिकित्सा और पोषण संबंधी चिकित्सीय देखभाल प्रदान की जाती है। वहीं पाँच वर्ष से कम आयु के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को उनकी माताओं तथा देखभाल कर्ताओं के साथ उपचार, स्थिरीकरण और पुनर्वास के लिए भर्ती किया जाता है। 

मेरठ मंडल आयुक्त द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान11 बच्चे भर्ती मिले। इस मौके पर उन्होंने पूर्व में पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती रहे बच्चों का फीडबैक भी लिया और एनआरसी भर्ती रहने पर सरकार द्वारा प्रतिदिन ₹ 50 के आधार पर मिलने वाले पैसों के संबंध में जानकारी ली ,जो ऑनलाइन माध्यम से माता-पिता के खाते में भेजे जाते हैं। इस मौके पर पैसे का सही तरीके से रिकॉर्ड ना दिखा पाए व नंबर भी माता-पिता के बदले और किसी के नंबर दर्ज मिले । स्थिति सही नहीं पाए जाने पर इसमें सुधार करने के निर्देश दिए ।वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अन्य रिकॉर्ड भी ना दिखा पाए जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। 

उन्होंने कहा, सरकार की जनकल्याणकारी योजना स्वास्थ्य संबंधित जो हैं, उनका लाभ संबंधित पात्र को प्राप्त होना चाहिए । रजिस्टर में माता-पिता के नंबर की जगह आंगनबाड़ी का नंबर मिलने पर उन्होंने इसमें सुधार करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि,जिन बच्चों की छुट्टी उपचार के बाद यहां से हो जाती है उनका फॉलोअप अवश्य लिया जाए। फॉलोअप में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। 

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने गांव सूप निवासी निशा से वार्ता की ,जिसमें माता-पिता का नंबर ना मिलने पर उसमें आंगनबाड़ी का नंबर दर्ज था तथा 990 रुपए खाते में गए या नहीं गए ,उसकी संतोषजनक जानकारी नहीं हो पाई।एनआरसी वार्ड में दिव्या ,नादरीन अरहम आदि बच्चे उपस्थित थे ,जिन्हें आयुक्त ने फल वितरण भी किये ।

उन्होंने एनआरसी रजिस्टर का डाटा मैच किया तो दीपांशु पुत्र सोनिया भी रिकॉर्ड सही नहीं पाया गया । उन्होंने कहा कि, रिकॉर्ड सही तरीके से मैच किया जाए और इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए । वहीं पुराने केस में कोई एंट्री संतोषजनक नहीं मिली और डिस्चार्ज के बाद कोई रिकॉर्ड भी नहीं पाया गया । आंगनबाड़ी केंद्रों या अन्य स्थानों से रेफर की संख्या कम पाई गई । बच्चों से फॉलो करने के  निर्देश दिए। उन्होंने कहा, माता-पिता को भी ध्यान देना चाहिए एनआरसी वार्ड के समय बच्चों को व उनके माता-पिता को परिपक्व किया जाए, जिससे कि बच्चों की देखभाल अच्छी हो सके और उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे।इस अवसर पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ,अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ राजेन्द्र सिंह, सीएमओ डॉ तीरथ, सीएमएस डॉ एसके चौधरी आदि उपस्थित रहे।