क्षेत्र में अवैध खनिज का परिवहन जोरों पर, पंजा दबा के रख लाइन क्लियर है

क्षेत्र में अवैध खनिज का परिवहन जोरों पर, पंजा दबा के रख लाइन क्लियर है

ब्यूरो रिपोर्ट 

प्रतिबंधित ट्रेक्टर ट्रालीयो से खनन का कारोबार जोरो पर

भोर होते ही शुरू हो जाता है खनन का शोर, अवैध खनन का कारोबार जोरों पर

पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के आराम के समय खनन माफिया हो जाते है सक्रिय

बेहत

कोतवाली बेहट क्षेत्र में भोर होते ही प्रतिबंध वाहनों से अवैध ओवरलोडिंग खनन का कारोबार पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के आराम करने के समय धड़ल्ले से शुरू हो जाता है।

प्रतिबंधित ट्रेक्टर ट्रालीयो से खनन का कारोबार जोरो पर जारी है जो थाना व तहसील बेहट के सामने से बेखौफ होकर गुजरते है।

अवैध खनन से जुड़े लोग अधिकारियों की रेकी तहसील परिसर से लेकर खनन जोन तक पल-पल की नजर रखते हैं इतना ही नहीं खनन माफियाओ के द्वारा तहसील परिसर से लेकर खनन जोन तक फिल्डरों की तैनाती की जाती है जो रात के समय में पुलिस- प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय से चलने से पहले ही समस्त सूचनाओं का आदान-प्रदान व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से खनन जोन तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। जिसके चलते पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के आराम करने के समय अवैध खनन का कारोबार जोरो से शुरू हो जाता है।

सुबह चार बजते ही अवैध खनन से भरी दर्जनों प्रतिबंधित ओवरलोडिंग ट्रैक्टर -ट्रालीयो की भरमार चिलकाना-गंदेवड मार्ग पर देखी जा सकती है। जो सरपट दौड़ती नजर आती हैं जिन्हें शासन-प्रशासन का जरा भी भय नहीं है। वहीं अवैध खनन के खिलाफ उपजिलाधिकारी दीपक कुमार लगातार सख्त कदम उठा रहे हैं उसके बावजूद भी खनन माफिया अपनी करतूत से बाज आने को तैयार नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर किसकी सह पर चल रहा है अवैध खनन का काला कारोबार।