आर्यसमाज का त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव संपन्न ,शिक्षा और धनुर्विद्या की प्रतिभाएं पुरस्कृत

आर्यसमाज का त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव संपन्न ,शिक्षा और धनुर्विद्या की प्रतिभाएं पुरस्कृत

संवाददाता मो जावेद

छपरौली ।क्षेत्र के गाँव लूम्ब में आर्य समाज के वार्षिक उत्सव संपन्न। समारोह में गाँव के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों व खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित।

आर्य समाज के तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव के अन्तिम दिन शिक्षा, संस्कार और देश प्रेम की चर्चाओं के साथ गाँव के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों, धनुर्विद्या के खिलाडियों को प्रोत्साहित करते हुए पटका, स्मृति चिन्ह और ॠषि दयानंद द्वारा लिखित ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश देकर सम्मानित किया गया है।

 

आर्य समाज द्वारा मानवी, अवनी पुत्री विकास कुमार, नीलाक्षी पुत्री अनिल उपाध्याय, अर्पित पुत्र अरविन्द कुमार, आरव पुत्र अनुज, कमल कुमार पुत्र सन्दीप कुमार उपाध्याय, विधि पुत्री धर्मेन्द्र और प्राची पुत्री सुरेन्द्र सिंह सहित 11 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों व खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर आर्य समाज के मुख्य वक्ता आचार्य योगेश भारद्वाज ने कहा, संस्कार विहीन शिक्षा का कोई मूल्य नहीं है। संस्कार से चरित्र का निर्माण होता है, चरित्र से मानवता, राष्ट्र व संस्कृति का निर्माण होता है।जिस राष्ट्र के नागरिकों का चरित्र श्रेष्ठ होता है वह आर्यावर्त बन जाता है। 

वार्षिक उत्सव के संयोजक मा ऋषिपाल आर्य ने कहा, होनहार खिलाड़ी व विद्यार्थी हमारे देश की धरोहर हैं, इन्हें संस्कारों से पोषित कर इनका उत्साहवर्धन करना हम सबका नैतिक कर्तव्य है। अध्यक्षता राजपाल शास्त्री नाला व संचालन गौरव आर्य ने किया।समारोह में ऋषिपाल आर्य, सत्यदेव, भजनोपदेशक तनु आर्या, सोमपाल, बलजोर आर्य,इन्द्रपाल शास्त्री, मोहित,मामचन्द, एड भूपेन्द्र वशिष्ठ, एड श्यामसिह, योगेन्द्र सरोहा, विकास कुमार, प्रदीप कुमार, योगेन्द्र आर्य आदि उपस्थित रहे।