चित्रकूट में विश्व मधुमेह दिवस 2024: नेत्र स्वास्थ्य और जागरूकता अभियान का आयोजन।

चित्रकूट में विश्व मधुमेह दिवस 2024: नेत्र स्वास्थ्य और जागरूकता अभियान का आयोजन।

चित्रकूट, 18 नवंबर 2024: सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय, जो संत रणछोड़ दास महराज द्वारा जानकीकुण्ड में स्थापित किया गया था, में आज विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर एक भव्य जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। यह अभियान विशेष रूप से मधुमेह के कारण होने वाले नेत्र रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए था। अभियान की शुरुआत एक विशाल जनजागरूकता रैली से की गई, जिसमें स्थानीय लोग, डॉक्टर और स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हुए।

अभियान की शुरुआत

मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, राजेंद्र शुक्ला ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि आजकल मधुमेह के कारण होने वाले नेत्र रोगों में भारी वृद्धि देखी जा रही है। इस तरह के अभियान, जिनमें समय पर जांच और इलाज की जानकारी दी जाती है, लोगों को सही समय पर उपचार दिलाने में मददगार होते हैं। वे इस बात पर जोर दिए कि राज्य सरकार इस प्रकार के जनहित कार्यों को प्रोत्साहित करती है और ऐसे अभियानों का महत्व समझती है।

नेत्र परीक्षण और जांच

इस अभियान के तहत सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय द्वारा एक चलित नेत्र परीक्षण वैन की व्यवस्था की गई थी, जिसमें वरिष्ठ नेत्र चिकित्सकों की टीम ने लोगों की शुगर जांच की और उनकी रेटिना की फंडस फोटो लेकर नेत्र रोगों की प्रारंभिक पहचान की। इस प्रक्रिया ने स्थानीय समुदाय को यह समझने में मदद की कि मधुमेह के कारण होने वाले आंखों के रोगों की पहचान समय रहते कैसे की जा सकती है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

जागरूकता गतिविधियाँ

अभियान में कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें नुक्कड़ नाटक, सेमिनार, रंगोली प्रतियोगिताएं, पोस्टर प्रदर्शनी और जागरूकता वार्ताएं शामिल थीं। इन गतिविधियों के माध्यम से मधुमेह और नेत्र रोगों से संबंधित जानकारी को आकर्षक तरीके से लोगों तक पहुंचाया गया। विशेष रूप से नुक्कड़ नाटक ने लोगों को यह समझने में मदद की कि किस तरह से उन्हें अपने जीवनशैली में सुधार करके मधुमेह और उससे होने वाले नेत्र रोगों से बचाव करना चाहिए।

प्रमुख वक्ता और विशेषज्ञ

सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के निदेशक डॉ. बीके जैन और डॉ. आलोक सेन ने अभियान की महत्वता पर बात करते हुए कहा कि मधुमेह के कारण नेत्रज्योति की हानि को समय पर पहचान कर रोका जा सकता है। डॉ. जैन ने यह भी बताया कि यदि लोग समय पर जांच करवाते हैं, तो अधिकांश नेत्र रोगों का इलाज किया जा सकता है और अंधेपन से बचा जा सकता है।

सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के प्रशासक डॉ. इलेश जैन ने भी इस बात पर जोर दिया कि ऐसे आयोजन समय-समय पर होते रहना चाहिए, ताकि लोग अपनी आंखों की सुरक्षा के बारे में जागरूक हो सकें और समय पर डॉक्टर से परामर्श लें।

समाप्ति और योगदान

इस आयोजन में सद्गुरु महिला समिति की अध्यक्ष ऊषा जैन, चिकित्सालय के प्रशासक एबीएस राजपूत, जनरल सर्जन डॉ. पूनम आडवाणी, रेटीना नेत्र चिकित्सक डॉ. सचिन शेट्टी और डॉ. अमृता समेत सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के कई कर्मचारी उपस्थित रहे। उनके योगदान से इस अभियान को सफल बनाने में मदद मिली और स्थानीय लोगों को मधुमेह और नेत्र स्वास्थ्य के महत्व को समझने का मौका मिला।

इस अभियान ने चित्रकूट और आसपास के क्षेत्रों में मधुमेह और नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और लोगों को समय पर उपचार लेने की प्रेरणा दी।