जैन मुनि विशुद्ध सागर के सानिध्य में भगवान् पारसनाथ का निर्वाण महोत्सव संपन्न
चंद्रयान-3 की सफलता के लिए वैज्ञानिकों को दिया आशीर्वाद
संवाददाता आशीष चंद्रमौली
बडौत।आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के सानिध्य में नगर के दिगंबर जैन समाज ने जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पारसनाथ का निर्वांण महोत्सव मनाया,वहीं जैनमुनि ने चंद्रयान -3 की सफलता के लिए भी वैज्ञानिकों तथा देशवासियों को अग्रिम आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम के दौरान नगर के जैन मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ पारसनाथ भगवान को निर्वान लाडू समर्पित किया।
दिगंबर जैन समाज समिति के तत्वाधान और चिंतामणि पारसनाथ अखंड कीर्तन मंडल द्वारा आचार्य श्री विशुद्ध सागर व ससंघ मुनियों के सानिध्य में सुबह श्री दिगंबर जैन छोटा मन्दिर , घट्टा बाजार में श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से पारसनाथ भगवान का पूजन किया और निर्वान लाडू समर्पित किया। इस अवसर पर चिन्तामणि पारस अखंड कीर्तन मंडल की ओर से मधुर भजन भी प्रस्तुत किए गए।
इस मौके पर आचार्य श्री ने भक्तजनों को अपना आशीर्वाद दिया और कहा कि, सभी को देव, शास्त्र व गुरु की आराधना करनी चाहिए। भगवान की भक्ति ही भव सागर से पार उतारती है।
आचार्य श्री ने कहा कि ,आज चंद्रयान 3 के चंद्रमा पर उतरने का समय है।सभी देशवासियों और इसरो के वैज्ञानिको को इसकी सफलता के लिए बहुत बहुत आशीर्वाद।
कार्यक्रम मे प्रवीण जैन, अतुल जैन, सुनील जैन,मनोज जैन, श्रेयांस जैन, संदीप जैन कली वाले, वरदान जैन, आदिश जैन, प्रवीण जैन, सतीश जैन, संजीव जैन, संदीप टिकरी वाले आदि उपस्थित रहे।
वर्ष भर में 256 दिन आहार से विरत रहने वाले मुनि अनुत्तर ने एक सप्ताह बाद किया पारणा
घोर तपस्वी मुनि श्री अनुत्तर सागर जी महाराज ने आज1 सप्ताह बाद आहार ग्रहण किया। उन्हें आहार कराने का सौभाग्य वैभव जैन सर्राफ परिवार को प्राप्त हुआ ।ज्ञात हो कि, आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के शिष्य मुनिश्री अनुत्तर सागर जी महाराज घोर तपस्या कर रहे हैं। जिसमें वह 5 महीने के चातुर्मास कल में केवल 27 दिन आहार ग्रहण करेंगे। पूरे वर्ष में उनका लक्ष्य 256 दिन से अधिक उपवास करने का है। 16 अगस्त के बाद आज 23 अगस्त को मुनि श्री का पारना हुआ। आज के बाद 31 अगस्त को मुनि अनुत्तर सागर जी महाराज आहार लेंगे।