कांग्रेस सेवादल प्रशिक्षण शिविर का समापन: "संघी सोच से मुक्ति, कौंग्रेसी विचारधारा की विजय"
चित्रकूट, उत्तर प्रदेश। कांग्रेस सेवादल का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर रविवार को राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल जी देसाई ने संघी और कांग्रेस की विचारधाराओं के बीच महत्वपूर्ण अंतर पर विस्तार से चर्चा की।
देसाई ने कहा, "संघी सोच ने हिंसा और नफरत को बढ़ावा दिया है। यह सोच समाज को जाति, धर्म और क्षेत्र के आधार पर बांटती है। इसके विपरीत, कांग्रेस की विचारधारा समाज में एकता, भाईचारे और शांति का संदेश देती है।" उन्होंने आगे बताया कि, "संघी सोच का मूल कारण 'उच्च मानव' और 'साधारण मानव' की विचारधारा है, जबकि कांग्रेस की सोच 'सभी को समान सम्मान' देने की है।"
देसाई ने यह भी कहा कि कांग्रेस सेवादल का उद्देश्य न केवल सरकार की संघी नीतियों का विरोध करना है, बल्कि समाज में बदलाव लाना है। उन्होंने आगामी सेवादल कार्यक्रम "संविधान चौपाल" का भी ऐलान किया, जिसे सेवादल के 101वें साल के अवसर पर आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रमोद पांडेय ने कहा, "हम गंगा के नाम पर राजनीति करने वालों से आग्रह करते हैं कि मंदाकिनी और सरयू जैसी नदियों के संरक्षण के लिए भी आवाज उठाई जाए।"
कार्यक्रम में कांग्रेस के अन्य नेताओं, जैसे नीलांशु चतुर्वेदी और कुशल सिंह पटेल ने भी अपनी बात रखी। चतुर्वेदी ने कहा, "इन प्रशिक्षण शिविरों से विचारधारा का प्रवाह निरंतर जारी रहेगा और यह हमें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगा।"
समारोह के दौरान, कांग्रेस नेताओं और सेवादल कार्यकर्ताओं ने अपने संकल्प को दोहराया कि वे कांग्रेस की विचारधारा को फैलाने और समाज में शांति और भाईचारे का माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
समापन सत्र में दिखी कांग्रेस सेवादल की मजबूती और एकता, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाएगी।