गौशालाओं में लापरवाही पर होगी सख्त कार्यवाही, गोवंश को लू से बचाए जाने को हो पर्याप्त व्यवस्था: अस्मिता लाल

••गौशालाओं में विद्युत कनेक्शन, पंखा, कूलर तथा सफाई की व्यवस्था समेत कंट्रोल रूम की होगी स्थापना
ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक
बागपत। जिलाधिकारी श्रीमती अस्मिता लाल ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के स्थाई एवं अस्थाई गौ आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को गौवंश की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं देखभाल हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जनपद में वर्तमान में 21 अस्थाई गौ आश्रय स्थल, 5 बृहद् संरक्षण केंद्र, 5 कान्हा गौशालाएं एवं 13 अपंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं। इस तरह कुल 48 में 10,621 गौवंश संरक्षित हैं। बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि, गौशालाओं में विद्युत कनेक्शन, पंखा, कूलर तथा सफाई की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।मृत गौवंश का तत्काल अंतिम संस्कार सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक गौशाला में लॉग बुक, भूमि पंजिका, चिकित्सा पंजिका, निरीक्षण पंजिका, उपस्थिति पंजिका, दान पंजिका, स्टॉक रजिस्टर तथा सपुर्दगी पंजिका अनिवार्य रूप से रखी जाएं। साथ ही बाउंड्री वॉल निर्माण शीघ्र पूर्ण कराया जाए। लापरवाही पर खंड विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत सचिव की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि, पशु चिकित्सा अधिकारी उपचार में विवेक का प्रयोग करें तथा उम्रानुसार औषधि का वितरण सुनिश्चित करें। जिले की सभी गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए। कैमरों का बैकअप संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के मोबाइल में भी उपलब्ध हो।उन्होंने हिदायत दी कि, विद्युत तारों आदि के कारण होने वाले खतरे को देखते हुए विद्युतिकरण से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जाए।
जिलाधिकारी ने चारागाह भूमि का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिया कि ,ग्राम पंचायतें नेपियर घास की खेती को प्रोत्साहित करें। ग्राम धनौरा सिल्वर नगर की 45 बीघा भूमि पर इस दिशा में कार्य आरंभ किया जा चुका है। बैठक में ग्राम पंचायत सचिव कृष्ण कुमार की कार्यशैली पर असंतोष जताते हुए उनके विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि, जो भी अधिकारी व कर्मचारी अपने दायित्वों में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर बताया गया कि,अब तक जनपद की 30 में से 25 गौशालाओं में क्यूआर कोड व्यवस्था लागू की जा चुकी है। सभी नोडल अधिकारियों को नियमित भ्रमण और निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए गए हैं।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद कुमार त्रिपाठी, सभी खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी व नोडल अधिकारी भी उपस्थित रहे।