चित्रकूट-पांच दिवसीय रामायण मेले के आयोजन को लेकर हुई समिति की बैठक।
चित्रकूट: भगवान श्रीराम के प्रवास भूमि में 51वें राष्ट्रीय रामायण मेला को भव्यता के साथ महाशिवरात्रि के दिन से प्रारंभ किया जाएगा। पांच दिवसीय मेले को लेकर समिति की साधारण सभा व नगर के संभ्रांत नागरिकों, संतों, महंतों के साथ बैठक हुई।
रविवार को राष्ट्रीय रामायण मेला परिसर में मेले के आयोजन को लेकर कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत करवरिया की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्र भी उपस्थित रहे। कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत करवरिया एवं महामंत्री करुणाशंकर द्विवेदी ने बताया कि आगामी 51वें रामायण मेला समारोह को सुरुचिपूर्ण और उद्देश्यपरक करते हुए मेला की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते भव्य कराया जाएगा। जिसमें विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध रामायणों के अधिकारी विद्वान, प्रवचन व्यास और सांस्कृतिक दल कलाकार देशभर से आमंत्रित किए जाएंगें। अलग-अलग क्षेत्रों के महान विभूतियों को भी समारोह में बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि चित्रकूट के सभी मठ मंदिरों के महंत, जनता जनार्दन और जिलाधिकारी समेत अन्य विभागीय अधिकारी समारोह को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करते हैं। उद्घाटन के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल को आमंत्रित करने का प्रस्ताव रखा गया। उन्होंने बताया कि 1973 में डाॅ राममनोहर लोहिया की परिकल्पना के आधार पर प्रतिवर्ष रामायण मेला का आयोजन किया जाता है। आचार्य बाबूलाल जो डाॅ लोहिया के निकट सहयोगियों में थे, के प्रयासों से स्व गोपालकृष्ण करवरिया के सहयोग से रामायण मेला शुरू हुआ। इसके बाद उनके सुपुत्र स्व राजेश करवरिया ने दस वर्ष तक रामायण मेला संपन्न कराने में तन्मयता से सहयोग किया। रामायण मेला का मूल उद्देश्य रामकथा के माध्यम से राष्ट्रीय एकता, अखंडता और भावात्मक एकता को परिशिष्ट करना तथा अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत, मानवीय मूल्यों एवं नैतिक मूल्यों को उजागर करना है।
इस मौके पर संत मदन गोपाल दास, महंत दिव्य जीवन दास, रामजी दास, रामकिशोर दास, दीनदयाल दास, भाजपा जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी, प्रद्युम्न कुमार उर्फ लालू दुबे, शिवमंगल प्रसाद मिश्र, राजाबाबू पांडेय, राजेन्द्र त्रिपाठी, मनोज मोहन गर्ग, आशीष पांडेय, चन्द्रिका प्रसाद दीक्षित, प्रदीप शुक्ला, विनोद मिश्रा, रामचन्द्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।