अवैध खनन से यमुना का सीना छलनी, राजस्व को करोड़ों की चपत।
चित्रकूट ब्यूरो:
राजापुर तहसील के तीरधुमाई गंगू क्षेत्र में यमुना नदी से बालू और मोरम के अवैध खनन का खेल खुलेआम जारी है। बिना पट्टा स्वीकृति के खनन माफियाओं द्वारा रात के अंधेरे में जेसीबी मशीनों और ट्रैक्टरों का सहारा लेकर बालू निकाला जा रहा है, जिससे सरकार को लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है।
क्षेत्रीय निवासियों ने अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाई है। जिला मुख्यालय निवासी राजेंद्र तिवारी, हेमराज शुक्ला और राजाराम सिंह समेत कई लोगों ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर इस अवैध गतिविधि की शिकायत की है। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा यमुना नदी में खनन के लिए ई-निविदा सह ई-नीलामी की प्रक्रिया जनवरी में शुरू की गई थी। इस प्रक्रिया के तहत फरवरी माह में निविदा भरने की तिथियां तय की गई हैं।
इसके बावजूद तीरधुमाई गंगू क्षेत्र में 1 जनवरी से ही अवैध खनन शुरू कर दिया गया। खनन माफिया बिना किसी डर के रात में बालू निकालकर ट्रैक्टरों के जरिए बिक्री कर रहे हैं। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि इस खेल में प्रशासनिक मिलीभगत भी हो सकती है।
जिला खनिज अधिकारी सुधाकर सिंह ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद क्षेत्र का निरीक्षण किया गया है। अवैध खनन रोकने के लिए रास्तों को खोद दिया गया है। अधिकारी ने आश्वासन दिया कि खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और संबंधित टीम जल्द ही फिर से मौके पर जाएगी।
क्षेत्रवासियों की मांग:
शिकायतकर्ताओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि अवैध खनन में शामिल लोगों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और यमुना नदी के पर्यावरणीय संतुलन को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। अवैध खनन से जहां राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है, वहीं पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
प्रशासन की सख्ती:
प्रशासन की ओर से कार्रवाई का आश्वासन जरूर दिया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक कठोर कदम नहीं उठाए जाते, तब तक यह अवैध गतिविधि बंद नहीं होगी। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस मुद्दे पर कितनी तेजी से काम करता है।