लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसा, पांच की मौत

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसा, पांच की मौत

कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर बुधवार सुबह एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसा तब हुआ, जब स्कॉर्पियो कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर तोड़ते हुए दूसरी दिशा में जाकर तेज रफ्तार ट्रक से टकरा गई। मृतकों में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के चार डॉक्टर शामिल हैं, जो पीजी कर रहे थे।

हादसे का विवरण

सुबह करीब 3:43 बजे कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि एक्सप्रेसवे के किलोमीटर संख्या 196 पर एक कार और ट्रक की टक्कर हुई है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। बताया गया कि कार लखनऊ से शादी समारोह से लौट रही थी और चालक को नींद आने के कारण कार अनियंत्रित हो गई। डिवाइडर तोड़ने के बाद यह आगरा की ओर से आ रहे ट्रक से भिड़ गई।

हादसे में कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मृतकों में डॉक्टरों के अलावा एक लिपिक भी शामिल था। गंभीर घायल जयवीर सिंह का सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।

मृतकों की पहचान

  1. अनिरुद्ध वर्मा (29), निवासी राधा विहार एक्सटेंशन, कमला नगर, आगरा।
  2. संतोष कुमार मौर्य, निवासी राजपुरा भाग-3, भदोही, संत रविदास नगर।
  3. अरुण कुमार, निवासी तेरा मल्लू मोचीपुर, कन्नौज।
  4. नरदेव गंगवार, निवासी बायपास रोड, श्याम चरण स्कूल के पास, नवाबगंज, बरेली।
  5. राकेश कुमार, लिपिक।

गंभीर घायल जयवीर सिंह, निवासी बुद्ध विहार, मुरादाबाद, का इलाज सैफई में जारी है।

पुलिस कार्रवाई

एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि तिर्वा पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। ट्रक चालक मौके से फरार हो गया है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और परिजनों को सूचना दे दी गई है।

अखिलेश यादव ने जताया दुख

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, "हर एक जान अनमोल होती है, लेकिन जान बचाने वाले डॉक्टरों की जान जाना और भी दुखद है।" उन्होंने भाजपा सरकार पर एक्सप्रेसवे की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए और इसे जनता के प्रति गैर-जिम्मेदाराना बताया।

सपा और भाजपा पर राजनीति तेज

अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की अनदेखी और सुरक्षा उपायों में कमी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेसवे समाजवादी पार्टी की एक बड़ी सोच का हिस्सा था, जो सुरक्षा और विकास के लिए बनाया गया था। लेकिन भाजपा इसे केवल टोल वसूली का माध्यम मानती है। उन्होंने हाईवे पर हादसों को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करने की मांग की।