जमीन के लिए मणिपुर जैसी घटना पीलीभीत में , घर में घुसकर महिला से मारपीट कर किया निर्वस्त्र वीडियो वायरल

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में मानवता को शर्मसार करने वाली वारदात सामने आई है. जहां पर एक महिला को जमीनी विवाद के चलते उसी के घर में घुसकर उसके कपड़े फाड़ कर उसे अर्धनग्न कर दिया गया. आरोपियों दरिंदगी यहीं नहीं रुकी. इस पूरी वारदात का वीडियो बनाकर किसी ने सोशल मीडिया पर डाल दिया जो अब तेजी के साथ वायरल हो रहा है. फिलहाल महिला ने इस पूरे मामले की शिकायत एसपी पीलीभीत से की है. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी पीलीभीत ने जांच के आदेश सीओ सदर को दे दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक पीलीभीत के न्यूरिया थाना क्षेत्र के गांव जटपुरा की रहने वाली चांदनी देवी की जमीन को लेकर अपने पड़ोसी होरीलाल लालता प्रसाद व अन्य से दुश्मनी है. जिसको लेकर 2 साल पहले एक मुकदमा भी दर्ज हुआ था. जिसमें होलीलाल समेत अन्य आरोपियों को जेल जाना पड़ा था. फिलहाल मुकदमा एडीजे कोर्ट में चल रहा है. मुकदमे में राजीनामा को लेकर चांदनी देवी के पर लगातार दबाव बनाए हुए थे मगर चांदनी देवी ने किसी की एक न सुनी और 25 जुलाई को न्यायालय में जाकर होरीलाल आदि के खिलाफ अपने बयान दर्ज करा दिए.
31 जुलाई की बताई जा रही वारदात
वहीं इस बात से नाराज होकर 31 जुलाई की रात होरीलाल, लालता प्रसाद, सुंदरलाल व कुवरसेन ने चांदनी देवी के घर में घुसकर लाठी-डंडों से मारपीट व गाली गलौज करना शुरू कर दिया. आरोप है कि इन लोगों ने चांदनी देवी के कपड़े फाड़ दिए और घर में है उसको अर्धनग्न कर दिया, जिसका वहां पर किसी ने वीडियो भी बना लिया और अब इस वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया है. पीड़िता इस पूरी बात को लेकर जब न्यूरिया थाने पर पहुंची तो वहां पर उसको भगा दिया गया. मजलूम बेचारी चांदनी देवी क्या करती थक हार कर अपने परिवार वालों के साथ पहुंच गई एसपी ऑफिस. जहां पर उसने अपने साथ हुए अत्याचार के लिए न्याय की आवाज लगाई.
पीड़िता को न्याय की आस
हालांकि इस सब पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए पीलीभीत के एसपी अतुल शर्मा ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए बात की और मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ सदर को पूरी जांच सौंप दी है. एक ओर अभी मणिपुर में हुए महिलाओं के साथ अत्याचार की घटना को लेकर मामला गरमाया हुआ है. वही पीलीभीत में भी महिला के साथ गंभीर अत्याचार का मामला सामने आ गया है. अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और पीड़िता को कब न्याय मिलता है.