--फिर कोई करिश्मा हो और विकास के सिरसली माडल के रूप में प्रत्येक गांव विकसित करें इंजी रामबीर सिंह!

--फिर कोई करिश्मा हो और विकास के सिरसली माडल के रूप में प्रत्येक गांव विकसित करें इंजी रामबीर सिंह!

लोग चाहते हैं

ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक

बागपत। भाजपा सरकार द्वारा रालोद सुप्रीम जयंत चौधरी के दिल जीतने के चलते अब जबकि इस लोकसभा सीट पर भाजपा का प्रत्याशी होने की संभावना शून्य है ,फिर भी भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चौ रामबीर सिंह को चाहने वालों की तादाद तथा क्षेत्र के गांवों का विकास सिरसली की तर्ज पर देखने के लिए उन्हें ही लोकसभा में भेजने की भावनाएं व्यक्त करती नजर आती है। 

बता दें कि, इंजी चौ रामबीर सिंह ने अपने गाँव सिरसली की दुर्दशा, अभाव, जलभराव, गड्ढेदार व गंदगी भरे रास्तों को बिना किसी स्वार्थ या इच्छा के अपने खर्चे से दूर करने का बीड़ा उठाया। रास्ते पक्के बनवाए, जलभराव की समस्या दूर करने के लिए ओवरफ्लो रहने वाले तालाबों की साफ सफाई के साथ ही उनमें जल निकासी के लिए स्वचालित मोटर की व्यवस्था की व बहुमुखी विकास के क्रम में खेल का मैदान, विवाह मंडप आदि के लिए करीब दस बीघा जमीन दान करते हुए सामाजिक समारोह के लिए आने वाली जगह या सुविधा देने की पहल की। 

इंजी चौ रामबीर सिंह ने शिक्षा, रोजगार खेल और उच्च शिक्षा तथा प्रतियोगी परीक्षा में आने वाली आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए सिरसली गाँव तक ही स्वयं को सीमित नहीँ रखा बल्कि उदारमना होकर, मेरठ व गाजियाबाद जिले के सैकड़ों युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के सहायक बनने का गौरव प्राप्त हैं। 

यूँ तो अपनी कंपनी के कार्यों में अति व्यस्त रहने की उनकी कार्यशैली में न तो कभी राजनीति में आने की कभी सोची गई थी और न ही दूर दूर तक चुनाव लड़ने की मन में बात आई, लेकिन सिरसली गाँव के विकास कार्यों के चलते ग्रामीणों ने सम्मान समारोह आयोजित कर उनका अभिनंदन किया और वहां आए जनपद के प्रमुख लोगों ने क्षमता, ईमानदारी, लगन सहित योजनाओं के क्रियान्वयन के लंबे  अनुभव वाले व्यक्तित्व को पहली बार अपने बीच पाकर एकाएक कहा जाने लगा कि, इंजी रामबीर सिंह राजनीति में आएं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को भारत ही नहीं, विश्व में माडल के रूप में प्रस्तुत करें। 

दूसरी ओर जनभावनाओं का सम्मान करते हुए, लेकिन झिझक के साथ चौ रामबीर सिंह ने हां तो भर दी, लेकिन आगे की मंजिल कौनसी चुनी जाए। इसके लिए उनके पास एक ही विकल्प था कि, वह भाजपा में जाएं, क्योंकि कंपनी के कार्यों, विचारों तथा देश में पिछले साढ़े नौ साल की जन कल्याण की नीतियों से बढती निश्चिंतता व विकसित होते भारत की तस्वीर और नेतृत्व की लगन के चलते भाजपा से टिकट की दावेदारी कर दी। इस दौरान बागपत लोकसभा सीट की बडौत, बागपत, छपरौली विधानसभा क्षेत्रों व मेरठ की सिवाल खास व गाजियाबाद की मोदीनगर विधानसभा सीट के सैकड़ों गांवों में अपने संबंधों व कार्यों के कारण मिली पहचान के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने सुना भी, सराहा भी और चाहा भी। इसी दौरान इंजी रामबीर सिंह के सिरसली प्रोजेक्ट की भनक और रिपोर्ट यूपी और केंद्र सरकार को भी मिली तो उन्हें जल शक्ति मंत्रालय व मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन प्रशस्ति पत्र से नवाजा गया। 

अब जबकि राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है, ऐसे में भी लोग इंजीनियर रामबीर सिंह के सिरसली माडल को अपने गाँव में देखने की तमन्ना के साथ ही उन्हें इस क्षेत्र का जनप्रतिनिधि बनाने की आस लगाए बैठे हैं। चाहते हैं कि, फिर कोई करिश्मा हो और बागपत के लिए इंजीनियर रामबीर सिंह विकास की सबसे लंबी व अमिट लकीर खींचने के मंसूबे को पूरा करें।