चित्रकूट -साइबर अपराधियों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही जारी। आनलाइन ठगी के शिकार हुए 43 पीड़ितों के के खाते में कुल 16,36,668/-रूपये हुए वापस।

         डिजिटल बैंकिंग सेवा ने जितना लोगो के लिए पैसो के लेन देन को आसान किया है उतना ही ये साईबर ठगो के लिए एक आसान रास्ता बनता जा रहा है लोगो से उनकी खून पसीने की कमाई लूटने के लिए। आपकी एक छोटी सी गलती और आपका सारा अकाउंट खाली।इन डिजिटल सेवाओं के जरिए लेन देन में लोगो द्वारा हो रही छोटी से छोटी चूक का फायदा ये बड़े बड़े साईबर ठग उठाते है ऐसे 43 लोगो ने आनलाइन ठगी की शिकायते पुलिस के पास दर्ज करवाई थी‌। जिस पर कार्यवाही करते हुए चित्रकूट सर्विलांस टीम द्वारा इन 43 साईबर अपराध पीड़ितो के खाते मे कुल 16,36,668/- रूपए वापस करवाया गया।

           उल्लेखनीय है कि वर्तमान में आम जनमानस द्वारा बैंक आने जानें व बैंकिग औपचारिकताओं में नष्ट होने वाले समय से बचने के लिये व भारत सरकार के डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने के क्रम में आम जनमानस भी जिनके पास एन्ड्राइड मोबाइल उपलब्ध है आँन-लाइन बैंकिंग सेवा का लाभ ले रहे हैं लेकिन इस कार्य में जरा सी असावधानी होने पर कई लोग साइबर ठगी का शिकार भी हो रहे है । अतः आँन-लाइन बैंकिंग सेवा का लाभ ले रहे व्यक्तियों को यह जानकारी जरुरी है कि कैसे-कैसे हम साइबर ठगी का शिकार हो सकते है और क्या सावधानी अपनायें की साइबर ठगी से बचा जा सके ।

साइबर अपराध के प्रकार-

1. फोन पर कभी भी किसी प्रकार के लुभावने ऑफर प्राप्त करने हेतु कभी किसी को अपने बैंक, खाता, एटीएम न0, ओटीपी सम्बन्धी जानकारी शेयर करना । 

2. किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा फोन पर पैसे प्राप्त करनें के लिये यूपीआई पिन डलवाना। 

3. किसी भी अनजान लिंक/ वेबसाइट को ओपन करना । 

4. ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से खरीददारी हेतु पूर्व भुगतान करते समय क्विक सपोर्ट/टीम व्यूवर/कस्टमर सपोर्ट आदि (स्क्रीन शेयरिंग) एप का इस्तेमाल करना । 

5. अज्ञात कॉलर द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओ व कालोनी स्वीकृत किये जाने के नाम पर भी पैसों की मांग किया जाना ।

6.  साइबर एक्सटार्शन (न्यूड वीडियो क्लिप भेजकर/धमकी भरे हमले को रोकने के लिये पैसे की मांग करना ) ।

7. आपके किसी परिचित को एक्सीडेन्ट/बीमार दिखाकर ईलाज हेतु आन लाइन पैसे की मांग करना ।

8.  सोशल मीडिया पर सस्ते दामों पर सामान बेंचने के नाम पर ठगी(फिसिंग) करना ।

9. अज्ञात नम्बरों से हूबहू आपके परिचितों की आवाज में पैसे आदि की डिमाण्ड करना ।

10.  घर बैठे रोजगार (पेन्सिल कारोबार, वीडियो को लाइक एवं सब्सक्राइबर बढाये जाने का कार्य) पाने के नाम पर ठगी ।   

साइबर अपराध से बचाव के उपाय-

1. फोन पर कभी भी किसी प्रकार के लुभावने ऑफर प्राप्त होने पर आप कभी किसी को अपने बैंक, खाता, एटीएम न0, ओटीपी सम्बन्धी जानकारी शेयर न करें । 

2. किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर फोन पर पैसे प्राप्त करनें के लिये यूपीआई पिन न डालना । यूपीआई पिन हमेशा पैसे भेजने के लिये प्रयोग होता है न कि प्राप्त करनें के लिये ।

3.  किसी भी अनजान लिंक/ वेबसाइट को ओपन करने पर आपकी पर्सनल जानकारी फ्राडर तक साझा हो जाती है, इससे बचें । 

4. ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से खरीददारी हेतु पूर्व भुगतान करते समय क्विक सपोर्ट/टीम व्यूवर/कस्टमर सपोर्ट आदि एप का इस्तेमाल करने से आपके हैण्डसेट की स्क्रीन शेयरिंग हो जाती है, उक्त एप्स के इस्टालेशन से बचें ।    

5. अज्ञात कॉलर द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओ व कालोनी स्वीकृत किये जाने के नाम पर भी पैसों की मांग करने पर पैसे न भेजें एवं तत्काल नजदीकी थाने पर शिकायत करें ) ।

6. साइबर एक्सटार्शन (न्यूड वीडियो क्लिप भेजकर/धमकी भरे हमले को रोकने के लिये पैसे की मांग करने पर पैसे न भेजें एवं तत्काल नजदीकी थाने पर शिकायत करें ) ।

7. आपके किसी परिचित को एक्सीडेन्ट/बीमार दिखाकर ईलाज हेतु आँन-लाइन पैसे की मांग करने पर पैसे न भेजें एवं तत्काल नजदीकी थाने पर शिकायत करें ) ।

8. सोशल मीडिया पर सस्ते दामों पर सामान बेंचने के नाम पर ठगी(फिसिंग) करतें हैं सामान अधिकृत विक्रेता/दुकान से ही खरीदें किसी को एडवान्स पैसा न भेजें।

9. अज्ञात नम्बरों से हूबहू आपके परिचितों की आवाज में पैसे आदि की डिमाण्ड करने पर अपने उस परिचित से पुष्टि करने के उपरान्त ही पैसे भेंजे ।

10. घर बैठे रोजगार (पेन्सिल कारोबार, वीडियो को लाइक एवं सब्सक्राइबर बढाये जाने का कार्य) पाने के नाम पर ठगी/पैसे की मांग करनें पर पैसे न भेंजें ।   

 नोट- किसी भी प्रकार का साइबर फ्राड होने पर हेल्पलाइन नं0 1930 पर तुरंत क़ॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर कम्पलेंट रजिस्टर करें या अपनें थाना के साइबर हेल्प डेस्क / जनपदीय साइबर सेल को तत्काल सूचना दें ।