एटा में ऑपरेशन पहचान ऐप बना कारगर अपराधियों तक पहुंचना हुआ आसान 10 सालों का डेटा जमा।
एटा। एडीजी पुलिस राजीव कृष्णा के निर्देशन में आगरा जोन में अपराधियों की सटीक कुंडली रखने के लिये बनाया गया ऑपरेशन पहचान ऐप आज कल एटा जनपद में स्मार्ट पुलसिंग के लिये बड़ा हथियार साबित हो रहा है। इसमें ना सिर्फ थानावार अपराधियों का पूरा चिट्ठा रखा जा रहा है, बल्कि आगरा जोन फील्ड लोकेशन नाम के एक दूसरे एक से कनेक्ट करके अपराधियों तक पहुंचने के लिये उनके घर तक पहुंचने का पूरा नक्शा भी मिल जाता है। इसमें भौगोलिक लोंगटीट्यूड आदि फीड रहने से उनके सटीक ठिकाने तक पुलिस आसानी से पहुंच सकती है। एटा में डीआईजी अलीगढ सुरेश राव आनंद कुलकर्णी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह के निर्देशन में ऑपरेशन पहचान में प्रत्येक थाना क्षेत्र के पिछले 10 सालों में विभिन्न कैटेगरी के अपराधों को कारित करने वाले अपराधियों का पूरा विवरण रखा गया है। उनका आपराधिक इतिहास, उनके कई एंगल से फोटो, उनके घर का पता, उनकी उम्र, वर्तमान में अपराधों में सक्रियता, यहां तक कि विभिन्न केशों में उनकी ज़मानत लेने वाले लोगों का भी पूरा विवरण दर्ज रहता है। इस ऐप के माध्यम से किसी भी थाने के थाना अध्यक्ष के फिंगर टिप्स पर अपराधियों की पूरी कुंडली आ जाति है। यही नहीं समय समय पर संबंधित थाना पुलिस इन अपराधियों के घरों पर जाकर उनकी लगातार निगरानी भी करती है। एटा जनपद कद सभी थानो में संबंधित थाना क्षेत्र के अपराधियों का डाटा जुटाकर अपराधियों का डाटाबेस तैयार करके उस डाटा बेस को ऑपरेशन पहचान में फीड किया गया है। कोतवाली नगर एटा के थाना अध्यक्ष डॉ. सुधीर राघव ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। उन्होंने इस ऐप के माध्यम से कोतवाली नगर एटा छेत्र में रहने वाले कुल 1800 अपराधियों को सत्यापित करके उनके डाटा बेस को ऑपरेशन पहचान ऐप में फीड किया है। इस प्रकार से अपने थाना क्षेत्र में अपराधियों की पहचान एवं सत्यापन के काम की पेंडेंसी को जीरो कर दिया है। इससे पूर्व भी उन्होंने जैथरा थाना अध्यक्ष रहते हुए भी उस थाना क्षेत्र के लगभग सभी अपराधियों का डाटाबेस एकत्रित करके ऑपरेशन पहचान ऐप में फीड कर दिया था। यह काम एटा जनपद के प्रत्येक थाना में तेजी के साथ किया जा रहा है। इस ऐप के माध्यम से थाना की समस्त प्रॉपर्टी और माल की बार कोडिंग करके उसको ऑनलाइन किया गया है। इस प्रकार एटा के समस्त थानों पर रखे माल के रिकॉर्ड को डिजिटाइज कर दिया गया है। इसको एक फिंगर टिप पर कभी भी देखा जा सकता है। भारत के डिजिटल इंडिया अभियान की दिशा में पहल ये भारत के डिजिटल इंडिया अभियान की दिशा में भी एक बहुत बड़ा मील का पत्थऱ है। ऑपरेशन पहचान ऐप के बारे में एडीजी आगरा जोन राजीव कृष्ण का कहना है कि अपराधियों की निगरानी एवं बीट व्यवस्था के सुदृणीकरण में आगरा जोन के सभी 8 जनपदो में इसका प्रयोग हो रहा है। बड़ी संख्या में अपराधों के वर्क आउट में इससे मदद मिली है। इससे प्रत्येक बीट पर कौन सा अपराधी है उसकी जानकारी मिल जाती है। इसमें इस तरह का चेक ऐप में लगाया गया है कि इसमें स्पॉट पर जाकर कम से काम आधा घंटा रुकना पड़ेगा तभी इसमें डेटा भर सकतें हैं, तभी ये लोकेशन ऑटोमेटिकली कैप्चर करता है। ये एप एंटी रोमियो अभियान एवं महिला सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण सावित हुआ है। इससे घटनाओं के वर्क आउट का प्रतिशत बढ़ा है और अपराधियों की शतत निगरानी होने से उनपर मनोवैज्ञानिक दवाब बढ़ा है। इस सम्बन्ध में एटा कोतवाली नगर के इन्स्पेक्टर डॉ. सुधीर राघव बताते हैं कि ऑपरेशन पहचान ऐप से अपराधियों को पकड़ना और उनपर निगरानी रखना बहुत आसान हों गया है। एक बार मेहनत करके इसमें थाना छेत्र के पिछले 10 साल में अपराध करने वाले अपराधियों का डाटा फीड करने के बाद इसको हमेशा के लिये आधार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। वे कहते है कि इसमें फ्लेक्सिबिलिटी भी है, यदि कोई अपराधी बुज़ुर्ग हों गया है या अपराध से विमुख हों गया है या उसकी मृत्यु हों गयी है तो उसको अपडेट कर इस ऐप से हटाया भी जा सकता है। डॉ. सुधीर राघव ने अपराध नियंत्रण में टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिये कोतवाली नगर के सभी सब इंस्पेक्टर और सिपाहियों को ऑपरेशन पहचान और आगरा जोन फील्ड लोकेशन ऐप को संचालित करने और इनका व्यावहारिक प्रयोग करने की ट्रेनिंग भी दी है। ऑपरेशन पहचान ऐप में पिछले 10 सालों में कारित किए गए जिन अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधियों का डाटा एकत्रित किया गया है, उनमें हत्या / हत्या का प्रयास,डकैती, लूट, नकबजनी, जबरन वसूली, फिरौती हेतु अपहरण, पोक्सो अधिनियम, अवैध शराब का व्यापार, अवैध शस्त्रों का व्यापार, शस्त्र फैक्ट्री, अवैध खनन, आवश्यक वस्तु अधिनियम,देह व्यापार, चोरी, गौवध अधिनियम,अवैध ड्रग्स का व्यापार, तार चोरी, भैंस चोरी, वाहन चोरी, ट्रांसफार्मर टेक की चोरी,जेब काटकर चोरी, घर में घुसकर चोरी, घर के बाहर अन्य सामान की चोरी,दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान में चोरी,वाहन में बैठाकर सवारी को नशा देकर चोरी,एलपीजी गैस सिलेंडर की चोरी,मंदिर से घंटा, मूर्ती की चोरी,मोबाइल टावर की बैटरी चोरी, अन्य चोरी, अन्य अपराध आदि अपराध शामिल किए गए हैं। अब तक सभी 18 थानों में 2237 मोहल्ले चिह्नित
एटा जनपद में ऑपरेशन पहचान के तहत अब तक सभी 18 थानों में 2237 मोहल्ले चिह्नित किए गए हैं। इनमें से 1359 मोहल्लों की लोकेशन थानावार सुरक्षित कर ली गई है और पूरे जनपद में लोकेशन सुरक्षित करने हेतु 878 मोहल्ले अभी शेष हैं, जिन पर कार्य चल रहा है। इस दृष्टि से कोतवाली नगर पहले नंबर पर है उसने सभी 140 मोहल्लों की लोकेशन को सुरक्षित कर लिया है और इनमे रहने वाले समस्त 1800 अपराधियों को सत्यापित कर लिया है। दूसरे नंबर पर सकीट थाना है जहां के थाना अध्यक्ष अनुज कुमार ने थाना छेत्र के कुल 107 में से 103 ग्राम व मोहल्लों की लोकेशन को सुरक्षित कर लिया है तीसरे नंबर पर जसरथपुर थाना आता हैं। जहां 88 ग्राम व मोहल्लों में से 84 की लोकेशन को सुरक्षित कर लिया गया है।