कालपी नगर पालिका से मुन्ना ब्रम्हा भारत बाबू भीष्म पप्पू कल्लू राजेन्द्र गंगा में से या कोई और होगा भाजपा का ध्वज वाहक कहना बहुत कठिन

कालपी नगर पालिका से मुन्ना ब्रम्हा भारत बाबू भीष्म पप्पू कल्लू राजेन्द्र गंगा में से या कोई और होगा भाजपा का ध्वज वाहक कहना बहुत कठिन

कालपी(जालौन)

एक ऐसी विधान सभा जहां की जनता कब किसे विधायक बना दे किसे कालपी का चेयरमेंन बडे़ बडे़ राजनीतिक पंडित बडे़ बडे़ एक्जिट पोल फेल हो जाते हैं !

कालपी महिर्षि वेद व्यास जैसे महान रचनाकार विद्वान की जन्म भूमि है पर देखा गया कि यहां की विद्वान जनता अनपढ़ को भी अपना प्रतिनिधि चुन लेती है चाहें काग्रेस से बिधायिका रही हो य दो बार एक चेयमेंन और वर्तमान पालिका अध्यक्षा है न अजब गजब कालपी य कालपी की जनता!

इसबार नगर पालिका कालपी अन्य पिछडा़ वर्ग के लिए आरक्षित की गई है वही नगर से प्रत्याशियों की तरफ नजर दौडा़एं तो सबसे बडी़ कतार भाजपा की है जिनमें मुन्ना चौधरी,बृम्हा सिंह यादव, भारत सिंह यादव, भूपेन्द्र सिंह (पप्पू )यादव, बाबू सिंह यादव, कल्लू सोनी, राजेन्द्र साहू, भीष्म कोष्टा, गंगाराम प्रनामी और अलखराम पाल ये नाम खुलकर सामने आ गए है और भी हो सकते हैं !अब बात करते हैं सपा की तो इसमें प्रबल दावेदारों मे दो ही नाम सामने हैं पूर्व पालिकाध्यक्ष कमर अहमद और पांच वार से सभासद जीतते आ रहे अरबिन्द सिंह यादव और कितने हो सकते हैं एक दो दिन में उनके भी पत्ते खुल जाएंगे! बसपा की बात करें तो सबसे मजबूत दावेदार के रूप में ऐनुल हसन मंसूरी हैं वहीं सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि एक बडे़ होटल व्यापारी भी बसपा हाईकमान के सम्पर्क में हैं !कांग्रेस से खुलकर अभी कोई नहीं आया है और इन तीन दलों से टिकट मांगने वालों में दबी जुबान से कई नाम एसे है जो अपने दल से टिकट न मिलने पर कांग्रेस से लड़ने की बात कह रहे हैं! फिलहाल सबसे बडी़ चुनौती भाजपा के सामने है क्योंकि नगर में भाजपा के पास पिछडा़वर्ग में कोई ऐसा नेता नहीं है जिसपर वो आंखबंद कर जीत का विश्वास जताया जा सके इसके लिए काफी विचार कर निर्णय लिया जा सकेगा ! पार्टी को आवश्यक्ता है एक जिताऊ प्रत्याशी की जिसकी खोज बहुत कठिन है! अब देखना होगा किसे मिलेगा फूल कौन चलाऐगा साईकिल कौन करेगा हाथी की सवारी कौन मिटाऐगा हाथ के पंजे से अपनी खुजली ! मगर एक बात यथार्थ है वोकह सकते हैं कि जो भी टकराऐगा वह भाजपा से ही लडे़गा चाहे सपा लडे़ य बसपा य अन्य कोई पुरोधा!यहां निर्दलीय प्रत्यासियों पर विचार करना होगा जो अभी हुए विधान सभा चुनाव में एक निर्दलीय प्रत्याशी ने थाली का समीकरण ध्वस्त कर चुका है।