प्राचीन भारत की युद्ध कला का अभिन्न हिस्सा ,समय आने पर हथियार भी : मनोज मलकानी
लाठी में गुण बहुत हैं -----
संवाददाता नीतीश कौशिक
बागपत | आर्य वीर दल के प्रशिक्षण शिविर के पांचवे दिन बच्चों को लाठी का प्रशिक्षण दिया गया ,जिसे देख सभी को स्मरण हो आया -- लाठी में गुण बहुत हैं सदा राखिए संग | इस दौरान लाठी के विभिन्न प्रकार के अभ्यास सिखाए गये |
प्रशिक्षक मनोज मलकानी ने बताया कि, लाठी प्राचीन समय से ही युद्ध कला का हिस्सा हैं ,इसका प्रयोग प्रत्येक व्यक्ति को अवश्य सीखना चाहिए। शिविर में आर्य वीर दल के वरिष्ठ शिक्षक आर्य भूषण,जयराम आर्य, अजीत सिंह ने कराटे, डम्बल,योगासन कराए।
कार्यक्रम में सतीश आर्य,मनीष जिंदल, आर्य,अभिमन्यु गुप्ता संरक्षक आर्य समाज,सुरेश जिंदल,पवन शर्मा, हेमकान्त आर्य,शौर्य आर्य,शिवम आर्य आदि अनेकों लोग उपस्थित हुए।