चित्रकूट: विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक।
चित्रकूट ब्यूरो:
चित्रकूट जिले में विकास कार्यों को गति देने के लिए जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में चारागाह, खेल मैदान, सोलर पावर प्रोजेक्ट, भूमि अधिग्रहण, मनरेगा और राजस्व कार्यों पर गहन मंथन किया गया। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरा करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश दिए।
सोलर ऊर्जा में बड़ा कदम
800 मेगावाट क्षमता वाले अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क के लिए अब तक 3255.543 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। जिलाधिकारी ने शेष भूमि अधिग्रहण और बाउंड्री निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। मानिकपुर तहसील के अगरहुड्डा और मदना गांवों में 25 मेगावाट के ऑन-ग्रिड सोलर पावर प्लांट पर तेजी से कार्य पूरा करने का आदेश दिया गया।
खेल और चारागाह विकास पर जोर
ग्राम पंचायतों में खेल मैदान की कमी को दूर करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। जिन गांवों में खेल मैदान नहीं हैं, वहां जमीन चिन्हित कर विकास कार्य शुरू होंगे। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि खेल मैदानों में बाउंड्री वॉल, हाई मास्क लाइट, वॉलीबॉल और क्रिकेट पिच जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। चारागाह के लिए जमीन चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त कराने की प्रक्रिया भी तेज की जाएगी।
मनरेगा से तालाबों और विकास कार्यों को बढ़ावा
मनरेगा के तहत तालाब निर्माण पर जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिन गांवों में तालाब नहीं हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी बढ़ाने का सुझाव दिया।
राजस्व और आपदा राहत कार्यों की समीक्षा
राजस्व से जुड़े लंबित मामलों, जैसे धारा 24, 67 और 116, के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए गए। वरासत और भूमि पैमाइश जैसे मुद्दों को प्राथमिकता से हल करने के लिए तहसील स्तर पर टीम गठित की जाएगी। दैवीय आपदा से प्रभावित लोगों को समय पर राहत राशि दिलाने और ओलावृष्टि की रिपोर्ट शीघ्र भेजने पर विशेष जोर दिया गया।
जन समस्याओं का त्वरित समाधान
जिलाधिकारी ने आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का 100% निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि शिकायतों का त्वरित समाधान जिले की रैंकिंग सुधारने में सहायक होगा।
उपस्थित अधिकारी:
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, अपर जिला अधिकारी उमेश चंद्र निगम, डीसी मनरेगा धर्मजीत सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र, और विभिन्न तहसीलदार व खंड विकास अधिकारी मौजूद रहे।
निष्कर्ष:
यह बैठक जिले में विकास कार्यों को गति देने और शासन की प्राथमिकताओं को समय पर पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।