एलएसयूसी और एलएसयूएम समितियों को मिला विशेष प्रशिक्षण।
चित्रकूट।
बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, चित्रकूट द्वारा लीगल सर्विसेज यूनिट फॉर चिल्ड्रेन (एलएसयूसी) और लीगल सर्विसेज यूनिट मनोन्याय (एलएसयूएम) समितियों के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों और दिव्यांगजनों के लिए कानूनी सेवाओं को प्रभावी रूप से लागू करना और समितियों की कार्यप्रणाली को सशक्त बनाना था।
प्रशिक्षण की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं अपर जिला जज नीलू मैनवाल ने की। उन्होंने बताया कि ये समितियां राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार गठित की गई हैं, जो बच्चों और दिव्यांगजनों के अधिकारों की सुरक्षा और सहायता के लिए काम करेंगी। समिति का मुख्य कार्य थानों, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति और जेलों में बच्चों के लिए कानूनी सहायता प्रदान करना है।
नीलू मैनवाल ने कहा, "प्रत्येक जिले में इन विशेष विधिक सहायता इकाइयों की स्थापना सुनिश्चित की जा रही है। यह समितियां समाज कल्याण, दिव्यांग कल्याण, शिक्षा और पुलिस विभागों के साथ समन्वय कर बच्चों और दिव्यांगजनों के समग्र विकास के लिए काम करेंगी।"
विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई
कार्यक्रम के दौरान बचपन डे केयर सेंटर, शिवरामपुर के को-ऑर्डिनेटर विष्णुदत्त बादल ने दिव्यांगजनों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के दिव्यांग व्यक्ति, आधार कार्ड, दिव्यांग प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और बैंक पासबुक जमा कराकर कुण्ठावस्था और दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ उठा सकते हैं।
साथ ही, कृत्रिम अंग सहायक उपकरण वितरण योजना के तहत ट्राईसाइकिल, व्हीलचेयर, कान की मशीन, छड़ी और बैसाखी जैसे उपकरण भी उपलब्ध कराए जाते हैं। विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत महिला के दिव्यांग होने पर ₹20,000, पुरुष के दिव्यांग होने पर ₹15,000 और दोनों के दिव्यांग होने पर ₹35,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
इस अवसर पर दोनों समितियों के सदस्य, पैनल अधिवक्ता, और अधिकार मित्र उपस्थित रहे। यह प्रशिक्षण जिला स्तर पर विधिक सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।