गिरोहबंदी एवं समाज विरोधी गतिविधियों पर प्रहार: चित्रकूट में कार्यशाला आयोजित।
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश शासन और अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक चित्रकूट श्री अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज पुलिस कार्यालय स्थित राघव प्रेक्षागार में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) नियमावली-2021 के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा की गई।
कार्यशाला के दौरान संयुक्त निदेशक अभियोजन श्री दिनेश त्रिपाठी ने प्रतिभागियों को नियमावली के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी और इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश दिए। श्री त्रिपाठी ने कहा कि इस नियमावली का उद्देश्य समाज में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए संगठित अपराधों पर अंकुश लगाना है।
मुख्य बिंदु:
1. प्रशासनिक समन्वय:
कार्यशाला में अभियोजन अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों, प्रभारी निरीक्षकों और विवेचकों को संगठित अपराधों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई की रणनीति पर प्रशिक्षित किया गया।
2. गुणवत्तापूर्ण विवेचना:
विवेचनाओं को मजबूत और साक्ष्य आधारित बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए, जिससे अभियोजन पक्ष अदालत में प्रभावी तरीके से अपनी दलीलें प्रस्तुत कर सके।
3. प्रभावी क्रियान्वयन:
नियमावली के तहत अपराधियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने पर जोर दिया गया।
इस कार्यशाला में जिला अधिवक्ता (फौजदारी संवर्ग), अभियोजन अधिकारी, पुलिस राजपत्रित अधिकारी, और जिले के सभी प्रभारी निरीक्षक व विवेचक उपस्थित रहे।
पुलिस अधीक्षक का वक्तव्य:
पुलिस अधीक्षक श्री अरुण कुमार सिंह ने कहा, “इस कार्यशाला का उद्देश्य पुलिस और अभियोजन के बीच समन्वय स्थापित करना और समाज विरोधी गतिविधियों पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना है। गिरोहबंद अपराधियों के खिलाफ नियमावली के तहत कठोर कदम उठाए जाएंगे।”
निष्कर्ष:
यह कार्यशाला संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम है। इसमें प्राप्त दिशा-निर्देशों के माध्यम से नियमावली-2021 का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।