नैनो यूरिया घटाएगा उर्वरक आयात पर निर्भरता।
एटा। कृषक बन्धुओं में नेनो यूरिया के प्रयोग के बारे में जनजागरूकता हेतु इफको द्वारा विकास खंड मारहरा के सभागार में नैनो उर्वरक आधारित विकास खंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में इफको क्षेत्र प्रतिनिधि दीपक कुमार ने बताया कि नैनो उर्वरक के उपयोग से देश में उर्वरक की पूर्ति के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी, जिससे करोड़ों रुपए की उर्वरक सब्सिडी की बचत होगी और यह धनराशि किसानो के उत्थान के लिए उपयोग की जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि नैनो उर्वरक के प्रयोग से किसानो की उत्पादन लागत कम करने में भी मदद मिलेगी। कार्यशाला में उपस्थित कृषि विज्ञान केंद्र अवागढ़ के मृदा वैज्ञानिक डा. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि नैनो यूरिया का 500 मिली एक बोरी यूरिया के बराबर है और इसके प्रयोग से मृदा अथवा जल प्रदूषण भी नही होता। उन्होंने आगे कहा कि किसानो को रासायनिक उर्वरक पर निर्भरता कम करना चाहिए एवं गोबर को खाद, हरी खाद एवं जैव उर्वरक का प्रयोग भी कराना चाहिए अन्यथा भविष्य में मृदा की उपजाऊ शक्ति नष्ट हो जाएगी। कार्यक्रम में सहायक विकास अधिकारी शिव प्रताप सिंह, क्षेत्रीय सहकारी समिति मिरहची के सचिव होडल सिंह, सहायक राजेश कुमार, क्षेत्रीय सहकारी समिति के सचिव नेम सिंह, इफको केंद्र मिरहची के प्रभारी जितेंद्र कुमार, सहायक यशपाल, प्रशांत सिंह के अतिरिक्त आकाश पचौरी, दौलतराम एवं धर्मेंद्र कुमार आदि किसान उपस्थित रहे।