शामली में डॉक्टर बना हैवान ₹100 में ले ली जान

*100 रुपये की कीमत, इंसान की जिंदगी से ज्यादा!*
डॉक्टर भगवान का रूप होते है, इंसान की जिंदगी डॉक्टर पर निर्भर है, भगवान से कम नही है। मगर शामली में एक ऐसा डॉक्टर भी जो मात्र 100 रुपये कम पड़ने पर मरते हुए मरीज को भी भर्ती नहीं करता, जब सुबह अमित मोहन जी की तबियत खराब हुई तो पास से गुजर रहा एक आदमी उन्हें हॉस्पिटल लेकर पहुचा, उस आदमी के पास सुबह के समय 900 रुपये थे, मात्र 100 रुपये कम, डॉक्टर के यहां काम करने वाले लोगो ने उन 100 रुपये कम होने की वजह से उनको भर्ती नही किया, बहुत देर तक रिक्वेस्ट की मगर वे नही माने, वो आदमी बाहर से जल्दी 100 रुपये लेकर आया। 1000 रुपये पूरे किये, मगर डॉक्टर साहब करीब 25 मिंट बाद आये, इतनी ही देर में अमित मोहन गुप्ता जी नही रहे, क्या इंसान की जान की कीमत मात्र 100 रुपये थी। पूरे नही हो पाए जब तक उनको भर्ती नही किया। डॉक्टर देखने तक नही आया। 100 रुपये आदमी की जान से बड़ी कीमत है। ऐसे डॉक्टर का क्या इलाज जरूरी नही है। जितनी सजा दी जाय उसको कम है। उसके स्टाफ को भी ओर डॉक्टर को भी जिंदगी भर जेल होनी चाहिए, ताकि इंसान की जिंदगी की कीमत समझ सके। एक दिन ऊपर उसको भी जाना है, सब यही रखा रह जायेगा। ऐसे जल्लाद डॉक्टर के हॉस्पिटल पर सील लगनी चाहिए, डॉक्टर स्टाफ सहित जेल में। ताकि एक जान की कीमत समझ आ जायेगी। डॉक्टर के नाम पर जल्लाद है। सभी ऐसे डॉक्टर का बहिष्कार करें, आज बारी अमित मोहन गुप्ता की थी, आगे हमारी ओर तुम्हारी भी होगी।
इलाज हो नरभक्षी डॉक्टर का।