मनुष्य को सफलता के सूत्र बताते हुए कामाख्या धाम के महाराज पूज्य श्री इन्द्रेश कौशिक जी महाराज
दरियाबाद,, बाराबंकी
प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहता है। परन्तु कुछ चीजों का त्याग नहीं करना चाहता हैं। और उन चीजों का त्याग न कर पाने की वजह से जो प्राप्त होना चाहिए वो नहीं प्राप्त नहीं हो पाता है। तब सफलता असफलता में बदल जाती है। इसीलिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जो व्यक्ति सफल होना चाहता है उसे आलस्य का त्याग कर देना चाहिए और उस व्यक्ति को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। सफलता पाने के लिए मनुष्य को अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए। सफल होने का चौथा सूत्र झूठ नहीं बोलना चाहिए और अंतिम बात मनुष्य को नशा, मांस भक्षण नहीं करना चाहिए।
अपने कर्म को करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। सपने वो पूरे नहीं होते जो रात्रि में सोते में देखे जाते है बल्कि सपने वो पूरे होते है जिनके लिए मनुष्य रात दिन जगकर मेहनत करता है, कर्म करता है। समय का सदुपयोग करें, कर्म में निष्ठा रखें। बड़ो का आदर करें।
सफलता पाने के लिए कभी भी शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए क्यूंकि जो सफलता शॉर्टकट से आती है वो बहुत ही शॉर्ट समय के लिए होती है और कट करके चली जाती है। शॉर्टकट में सफलता आती है और जब वो जाती है तो पहले का होता है उसे भी ले जाती है।
तुम जो कुछ भी कर रहे हो उसमें भगवान तुम्हारे साथ है ऐसी निष्ठा हमेशा रखनी चाहिए। तुम कभी अकेले नहीं हो भगवान हमेशा तुम्हारे साथ है।
सफलता जब भी तुम्हें मिल जाये तो उस पर कभी अभिमान नहीं करना चाहिए। उसे भगवान का प्रसाद समझना चाहिए और दीनों की सहायता में लगाना चाहिए।
हमारी सबसे बड़ी समस्या है कि हम जिस देवता को पूजते हैं, उस पर पूर्ण विश्वास नहीं करते हैं। जिससे हमारी समस्याएँ और बढ़ जाती हैं। हम हमेशा इसी संदेह में रहते हैं कि भगवान हमारी सुन भी रहा है या नहीं। परन्तु ऐसा नहीं है भगवान हमेशा हमें सुन रहा है, देख रहा है।