अल्पसंख्यक आयोग को असंवैधानिक घोषित करने की मांग

अल्पसंख्यक आयोग को असंवैधानिक घोषित करने की मांग

जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

शामली। जिला कांग्रेस कमेटी ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर अल्पसंख्यक आयोग को असंवैधानिक घोषित करने की मां ग की है। इस मौके पर डीएम को ज्ञापन सौंपकर इस याचिका को निरस्त करने की प्रक्रिया संवैधानिक मूल्यों के आधार पर सुनिश्चित किए जाने की मांग की है।

जानकारी के अनुसार जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक सैनी के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन डीएम को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अल्पसंख्यक विरोधी एजेंडा वाली याचिका जिसमें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिनियम (1992) और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गयी थी, को स्वीकार कर लिया जाना अल्पसंख्यक समुदाय को मिले संवैधानिक अधिकारों और सुरक्षा को छीनने की कोशिश समान है। न्याय पालिका का एक हिस्सा आरएसएस से जुडे लोगों द्वारा दायर प्राक्सी याचिकाएं स्वीकार कर सरकार के एजेंडा को कानूनी अवरण पहनाने की कोशिश कर रहा है। यह एक तरह से बिना घोषणा के संविधान समीक्षा जैसा है। उन्होंने कहा कि एनजीओ विनियोग परिवार ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका में दिए गए दोनों तर्क पहला राज्य का यह कर्तव्य नहीं है कि वह अल्पसंख्यक समुदाय की किसी भाषा, लिपि या संस्कृति को प्रोत्साहित करे, संविधान के खिलाफ है। यद्यपि हमारा संविधान अल्पसंख्यक को परिभाषित नहीं करता लेकिन वो अल्पसंख्यकों के अधिकारों को मौलिक अधिकारों के तहत सुरक्षा देता है। याचिका का तर्क है कि अल्पसंख्यक आयोग एक्ट 1992 और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का गठन तथा अल्पसंख्यकों को खासकर मुसलमानों को दिया जाने वाला फंड असंवैधानिक है, यह तर्क संगत नहीं है। उन्होंने राष्ट्रपति से इस याचिका को निरस्त करने की प्रक्रिया संवैधानिक मूल्यों के आधार पर सुनिश्चित किए जाने की मांग की है। इस मौके पर निन्ना अंसारी, प्रवीण तरार, निर्भय सिंह, अश्वनी शर्मा, शाहिद खान, शेखरपाल, आरिफ एडवोकेट, अनीस, प्रमोद, नासिर चौधरी, रिजवान, महाबीर सैनी, गुलफाम आदि भी मौजूद रहे।