गोहनी में मनरेगा घोटाला,पुराने कामों पर नए बोर्ड लगाकर निकल गए लाखों रुपये

गोहनी में मनरेगा घोटाला,पुराने कामों पर नए बोर्ड लगाकर निकल गए लाखों रुपये

उरई। जालौन। माधौगढ़ मनरेगा का भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। प्रत्येक गांव में मनरेगा के तहत फर्जी काम दिखाकर लाखों रुपए निकाले जा रहे हैं। मनरेगा का पूरा तंत्र भ्रष्ट तंत्र में तब्दील हो चुका है। आवाज उठाने वालों को कुचलने का काम किया जा रहा है और प्रशासन मौन होकर इस भ्रष्टाचार में शामिल हो चुका है। सरेआम हो रहे भ्रष्टाचार पर आंखें मूंद ली है। मनरेगा के तहत होने वाले ज्यादातर काम फर्जी हैं। या फिर पुरानों को नया दिखा कर उन पर पैसा निकाला जा रहा है। उस पर सफाई कि बारिश में मिट्टी बह गई। लेकिन उसी बारिश में रोड डालना दिखाकर पैसे निकालना कैसे सम्भव हो सकता है? इसका जवाब जिम्मेदारों के पास में नहीं है। ब्लॉक के ज्यादातर गांव में फर्जीवाड़ा है। गोहनी गांव में हरदेव के खेत से हरपाल के खेत तक चकबन्ध का निर्माण दिखाकर अभी तक 89460 का भुगतान अगस्त माह में करा लिया गया। काम की स्वीकृति 1 जून 2022 को हुई और काम जुलाई और अगस्त में दिखाया गया जबकि इन 2 महीनों में ज्यादातर समय पानी बरसता रहा। ऐसे में मजदूरों ने काम कैसे कर लिया? इसके अलावा उस सड़क को देखने से लग रहा है कि वह काफी पुरानी है,जिस पर घास तक उगा आई है। ऐसे ही करन सिंह के खेत से खितौली मौजे तक 16/06/22 को चकबन्ध कार्य की स्वीकृति हुई और अगस्त तक 83496 का भुगतान हो गया। श्रीराम के खेत से हरनारायण के खेत तक चकबन्ध काम की स्वीकृति 17/06/22 हुई और अगस्त तक 68586 का भुगतान हो गया।

सड़क किनारों के डाले गए चकबंधों का यह हाल है,जिन पर गांव के प्रत्येक व्यक्ति की नजर रहती है,तो अनजानी जगहों पर तो किसी को कुछ पता ही नहीं चलता और कागजों में काम हो जाता है। काम का पैसा निकलने के महीनों बाद बोर्ड लगा दिया जाता है। तब ग्रामीणों को पता चलता है कि काम हो गया।