यूपी में महंगी हो सकती है बिजली, विरोध में उतरा उपभोक्ता परिषद
लखनऊ, बिजली 12 पैसे प्रति यूनिट और महंगी हो सकती है। फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली कंपनियां, बिजली महंगी कर उपभोक्ताओं से 387 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इस संबंध में कंपनियों की ओर से दाखिल प्रस्ताव पर पावर कारपोरेशन को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की हरी झंडी का इंतजार है। इस बीच प्रस्ताव के विरोध में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आयोग में लोक महत्व याचिका दाखिल की है।
पावर कारपोरेशन ने पहले ही आयोग को सौंप दिया था प्रस्ताव
कारपोरेशन द्वारा पिछले दिनों ही बिजली की दरों में 18 से 23 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग में दाखिल करने के बाद अब चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर के लिए फ्यूल सरचार्ज के मद में 12 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी चाही गई है। वैसे तो फ्यूल सरचार्ज के मद में 12 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का प्रस्ताव कारपोरेशन ने पहले ही आयोग को सौंप दिया था लेकिन अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ था।
बिजली 12 पैसे प्रति यूनिट और महंगी होने के प्रस्ताव के विरोध में उतरा उपभोक्ता परिषद
अब कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने आयोग से लंबित प्रस्ताव पर जल्द से जल्द निर्णय करने की मांग उठाई है। इसकी भनक लगने पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने गुरुवार को आयोग में याचिका दाखिल कर पावर कारपोरेशन और बिजली कंपनियों के प्रस्ताव पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि 387 करोड रुपये जुटाने के एवज में 12 पैसा प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का प्रस्ताव गलत है।
बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के 25,133 करोड़ बकाया
वर्मा ने बताया कि मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के पहले संशोधन के आधार पर जुलाई से सितंबर के बीच में उनके आकलन के अनुसार उपभोक्ताओं का ही फ्यूल सरचार्ज के मद में लगभग 1000 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है। ऐसे में उपभोक्ताओं की बिजली दर में 30-31 पैसे प्रति यूनिट की कमी की जानी चाहिए। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि आयोग, पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव को खारिज करे। उपभोक्ताओं के बिजली कंपनियों पर निकल रहे लगभग 25,133 करोड़ रुपये में से ही क्यों नहीं फ्यूल सरचार्ज की राशि उसमें से ही ले ली जाती है?