पुलिस कर्मियों को सोशल मीडिया के उपयोग मे बरतनी होगी विशेष सावधानी

पुलिस कर्मियों को सोशल मीडिया के उपयोग मे बरतनी होगी विशेष सावधानी

ब्यूरो महेंद्र राज (मण्डल)

एक ओर जहाँ उ.प्र पुलिस की सोशल मीडिया नीति की सराहना देश भर में हो रही है। नेशनल पुलिस अकादमी, सेंट्रल ऑर्म्ड पुलिस फोर्सेज और कई राज्यों की पुलिस उ.प्र पुलिस की सोशल मीडिया नीति को लागू करने की तैयारी में हैं।वहीं दूसरी ओर प्रदेश में पॉलिसी लागू होने के बावजूद अक्सर पुलिस कर्मियों की हरकतें बदनामी का सबब बन रही हैं। कुछ पुलिस कर्मी विभाग की सोशल मीडिया नीति का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
कानपुर के नवाबगंज थाने की पुलिस द्वारा युवक को तमंचे के साथ पकड़ने का वीडियो और अमेठी मे बिना वीगो लगाऐ ड्रिप चढ़ाने का वीडियो सोशल मीडिया मे पोस्ट होते ही दोनों ही मामलों का डी.जी. पी मुख्यालय ने संज्ञान लिया है और कठोर चेतावनी दी है।बताते चलें कि प्रदेश पुलिस में आई.पी.एस से लेकर सिपाही तक के तमाम विवादित वीडियो सामने आने के बाद  दुनिया भर के तमाम महत्व पूर्ण संगठनों, पुलिस बलों आदि की पॉलिसी का अध्ययन कर उ.प्र पुलिस की सोशल मीडिया नीति को तैयार किया गया था और गत् वर्ष फरवरी माह मे इसे लागू किया गया था। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हालिया मामलों का संज्ञान लेते हुए सख्त चेतावनी जारी की है। जो संक्षेप मे बिंदुवार क्रमशः इस प्रकार है- 

1-पुलिस कार्यवाही के दौरान बरामद माल एवं हथियार को बिना सील मोहर किए हुए फोटो अथवा वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित।

2-पुलिस के सराहनीय कार्य से संबंधित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो,वीडियो ब्लर करके ही डाले जाएंगे।

3-जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी है, उनका चेहरा सार्वजनिक करने पर प्रतिबंध।

4-सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की रील बनाना प्रतिबंधित। 

5-पब्लिक ऑर्गेनाइजेशन बस में प्रोग्राम का वीडियो शूट कर सोशल मीडिया पर डालना प्रतिबंधित।

6-वर्दी में किसी भी प्रकार का सोशल मीडिया पर वाद- विवाद या टीका टिप्पणी करना प्रतिबंधित। 

7-ड्यूटी के दौरान निजी तौर पर सोशल मीडिया के प्रयोग  से समय की बर्बादी के मद्देनजर बावर्दी वीडियो, रील्स बनाने पर प्रतिबंध।

8-सोशल मीडिया,निजी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट पर प्रतिबंध। 

9-थाना,पुलिस लाइन, ऑफिस,फायरिंग के लाइव टेलीकास्ट और वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड करने पर प्रतिबंधित। 

9-किसी पीड़ित का वीडियो सोशल मीडिया पर डालना प्रतिबंधित।
 
10-ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर कोचिंग,लेक्चर, वेबीनार,और लाइव भी प्रतिबंधित।

11-खुफिया ऑपरेशन में लगे पुलिस कर्मियों को सोशल मीडिया से दूरी बनानी होगी। 

12-कोर्ट में चल रहे मामलों में सीनियर अफसरों के अनुमति के बाद प्रेस नोट जारी करना होगा। 

13-सरकार,उसकी नीतियों, कार्यक्रमों,राजनीतिक दल, नेताओं,विचार धारा के संबंध में सरकारी या निजी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टिप्पणी पर प्रतिबंध।हाल ही में सोशल मीडिया पॉलिसी के उल्लंघन के कुछ मामले प्रकाश में आने के कारण़ स्पेशल डी.जी कानून-व्यवस्था एवं

अपराध प्रशांत कुमार ने ऐसे पुलिस कर्मियों के निलंबन के साथ ही विभाग के छवि धूमिल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।