कटे फटे नोट व्यापारियों के यहां आयकर विभाग की आकस्मिक छापेमारी मिली करोड़ों की अघोषित नई करेंसी व सफेद धातु

आकस्मिक छापेमारी मे बड़े पैमाने पर आम जन के लिऐ दुर्लभ नऐ नोटों की गड्डियां मिलने से बैंकों की भूमिका हुई संदिग्ध

कटे फटे नोट व्यापारियों के यहां आयकर विभाग की आकस्मिक छापेमारी  मिली करोड़ों की अघोषित नई करेंसी व सफेद धातु

ब्यूरो महेंद्र राज

आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने कटे-फटे नोट बदलने वाले तीन व्यापारियों के पांच प्रतिष्ठानों पर छापे मारे। छापे के दौरान एक करोड़ 10 लाख की नई करेंसी और चांदी की 20 किलो की सिल्ली मिली। व्यापारी इस संबंध में कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। खास बात यह रही कि कटे-फटे नोट का काम करने वाले इन कारोबारियों के यहां से पुराने नोट नहीं मिले। व्यापारियों के सालाना रिटर्न पांच लाख रुपये के दाखिल हो रहे थे।आयकर अफसरों ने मंगलवार सुबह 5.30 पर व्यापारी संजय गुप्ता के नौघड़ा स्थित घर और नया गंज के धनीराम बिल्डिंग स्थित दुकान,संजय जैन के कृष्णा नगर स्थित घर और मोती बिल्डिंग स्थित दुकान व मनोज गुप्ता के प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्रवाई की गई। संजय गुप्ता के प्रतिष्ठान से एक करोड़ 10 लाख के नए नोट मिले और करीब 15 लाख 71 हजार कीमत की 20 किलो चांदी मिली। इसके अलावा चांदी के कुछ सिक्के भी मिले हैं। इतने बड़े पैमाने पर नई करेंसी मिलने पर अफसरों ने नोट गिनने की मशीनें मंगवा कर गिनती की।इसमें 20,50, 100,200 और 500 के नोट शामिल हैं।गौर तलब है कि सारे नोट नए हैं।सूत्रों ने बताया कि जांच-पड़ताल में व्यापारियों के प्रतिष्ठानों से खरीद-बिक्री, लेजर संबंधी कोई दस्तावेज नहीं मिले। इतने बड़े पैमाने पर नई करेंसी कहां से आई, इसका भी जवाब नहीं दे सके। ऐसे में बैंकों में सांठगांठ होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करोड़ों की नकदी मिली है लेकिन तीनों के आयकर के सालाना रिटर्न कर की सीमा मे  पांच लाख रुपये दाखिल किए जा रहे थे। देर शाम कार्रवाई खत्म कर दी गई।
आयकर अफसरों ने वित्तीय वर्ष की पहली कार्रवाई की। लगभग 30 घंटे तक कार्रवाई चली।मतदान से एक दिन पहले हुई कार्रवाई से शहर में हड़कंप की स्थिति रही।जिन जगहों पर छापा मारा गया, वहां पर आसपास कपड़ा, सोना-चांदी,किराने का थोक का बाजार है।
छापे के दौरान केवल नए नोटों की गड्डियां मिलीं हैं।आयकर अफसरों का मानना है कि ये गड्डियां बैंक के जरिये आई होंगी।यद्यपि व्यापारियों ने इस संबंध में कुछ भी जानकारी नहीं दी है।सूत्रों के अनुसार  आम लोगों को बैंकों से नई करेंसी नहीं मिलती है,जबकि व्यापारियों के पास नए नोटों के ढेर लगे हैं।20 के नोट की गड्डियां सबसे ज्यादा मात्रा में प्राप्त हुई हैं।जिनका प्रयोग सहालग में नोटों की माला बनाने में अधिक होता है।सूत्रों के हवाले से बैंकों के कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध होने के साथ जांच भी की जा सकती है।

मिली करोड़ों की अघोषित नई करेंसी व सफेद धातु

कानपुर में आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने कटे-फटे नोट बदलने वाले तीन व्यापारियों के पांच प्रतिष्ठानों पर छापे मारे। छापे के दौरान एक करोड़ 10 लाख की नई करेंसी और चांदी की 20 किलो की सिल्ली मिली। व्यापारी इस संबंध में कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। खास बात यह रही कि कटे-फटे नोट का काम करने वाले इन कारोबारियों के यहां से पुराने नोट नहीं मिले। व्यापारियों के सालाना रिटर्न पांच लाख रुपये के दाखिल हो रहे थे।आयकर अफसरों ने मंगलवार सुबह 5.30 पर व्यापारी संजय गुप्ता के नौघड़ा स्थित घर और नया गंज के धनीराम बिल्डिंग स्थित दुकान,संजय जैन के कृष्णा नगर स्थित घर और मोती बिल्डिंग स्थित दुकान व मनोज गुप्ता के प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्रवाई की गई। संजय गुप्ता के प्रतिष्ठान से एक करोड़ 10 लाख के नए नोट मिले और करीब 15 लाख 71 हजार कीमत की 20 किलो चांदी मिली। इसके अलावा चांदी के कुछ सिक्के भी मिले हैं। इतने बड़े पैमाने पर नई करेंसी मिलने पर अफसरों ने नोट गिनने की मशीनें मंगवा कर गिनती की।इसमें 20,50, 100,200 और 500 के नोट शामिल हैं।गौर तलब है कि सारे नोट नए हैं।सूत्रों ने बताया कि जांच-पड़ताल में व्यापारियों के प्रतिष्ठानों से खरीद-बिक्री, लेजर संबंधी कोई दस्तावेज नहीं मिले। इतने बड़े पैमाने पर नई करेंसी कहां से आई, इसका भी जवाब नहीं दे सके। ऐसे में बैंकों में सांठगांठ होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करोड़ों की नकदी मिली है लेकिन तीनों के आयकर के सालाना रिटर्न कर की सीमा मे  पांच लाख रुपये दाखिल किए जा रहे थे।आयकर विभाग की गत् वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम कार्यवाही लगभग 30 घंटे बाद देर शाम ख़त्म की गई।

दूसरे चरण़ के मतदान से ठीक एक दिन पहले हुई कार्रवाई से शहर में हड़कंप की स्थिति रही।जिन जगहों पर छापा मारा गया, वहां पर आसपास कपड़ा, सोना-चांदी,किराने का थोक का बाजार है।

छापे के दौरान केवल नए नोटों की गड्डियां मिलीं हैं।आयकर अफसरों का मानना है कि ये गड्डियां बैंक के जरिये आई होंगी।यद्यपि व्यापारियों ने इस संबंध में कुछ भी जानकारी नहीं दी है।सूत्रों के अनुसार  आम लोगों को बैंकों से नई करेंसी नहीं मिलती है,जबकि व्यापारियों के पास नए नोटों के ढेर लगे हैं।20 के नोट की गड्डियां सबसे ज्यादा मात्रा में प्राप्त हुई हैं।जिनका प्रयोग वैवाहिक समारोहों में नोटों की माला बनाने में अधिक होता है।सूत्रों के हवाले से बैंकों के कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध होने के साथ जांच भी की जा सकती है।