ISRO ने PSLV-C60 से लॉन्च किया SpaDEx मिशन, भारत बना अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में सक्षम चौथा देश

ISRO ने PSLV-C60 से लॉन्च किया SpaDEx मिशन, भारत बना अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में सक्षम चौथा देश

श्रीहरिकोटा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार रात 9:58 बजे PSLV-C60 रॉकेट से अपने महत्वाकांक्षी मिशन SpaDEx (Space Docking Experiment) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि इसकी सफलता के साथ ही भारत अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

इस मिशन के तहत दो छोटे अंतरिक्ष यान, चेजर और टारगेट, को 476 किलोमीटर की ऊंचाई पर गोलाकार कक्षा में स्थापित किया गया। अगले सप्ताह इन दोनों यानों के बीच अंतरिक्ष में जुड़ने (डॉकिंग) और अलग होने (अनडॉकिंग) का परीक्षण किया जाएगा।

डॉकिंग तकनीक का महत्व

इसरो ने बताया कि यह तकनीक भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों, जैसे चंद्रयान-4, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) और चांद पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने के लिए बेहद जरूरी है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "यह मिशन भारत को उन देशों की श्रेणी में शामिल करेगा, जो अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में सक्षम हैं।"

क्या है SpaDEx मिशन?

SpaDEx मिशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष यानों के डॉकिंग और अनडॉकिंग की तकनीक का प्रदर्शन करना है। यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है। इसके तहत दोनों यानों के नियंत्रण, नेविगेशन और पेलोड संचालन की क्षमता को परखा जाएगा।

भविष्य की राह

चंद्रमा से नमूने वापस लाने जैसे जटिल मिशनों के लिए यह तकनीक बेहद अहम है।

भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन और अन्य गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए यह एक मील का पत्थर साबित होगा।


इसरो की बड़ी उपलब्धि

SpaDEx की सफलता के साथ, भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक विकसित करने वाला देश बन जाएगा। यह मिशन इसरो की तकनीकी श्रेष्ठता और अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

ISRO के इस नए कदम ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत को वैश्विक मानचित्र पर और मजबूत स्थान दिलाया है।

संवाद सूत्र