जिलाधिकारी ने कृषक बंधुओं से पराली न जलाने की अपील की अधिकारियों को पर्यावरण के दृष्टिगत सौंपी गयी जिम्मेदारी कृषकों को किया जाए जागरूक बताए जाएं पराली न जलाने के फायदे

जिलाधिकारी ने कृषक बंधुओं से पराली न जलाने की अपील की  अधिकारियों को पर्यावरण के दृष्टिगत सौंपी गयी जिम्मेदारी  कृषकों को किया जाए जागरूक  बताए जाएं पराली न जलाने के फायदे

सहारनपुर, 

 जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने शासन के उच्च निर्देशों के क्रम में संबंधित विभागों को फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम के संबंध में निर्देश दिए। तथा कृषक बंधुओं से अपील की कि पर्यावरण के दृष्टिगत पराली न जलाएं। उन्होने कहा कि शासन एवं न्यायालय के निर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित नहीं किये जाने के दृष्टिगत संबंधित अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा तथा पराली जलाने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।  

 जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसलों के अवशेष जलाये जाने पर प्रभावी रोकथाम हेतु समस्त क्षेत्रीय स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित कराई जाए साथ ही ग्राम प्रधानों, कृषक संगठनों से संवाद स्थापित करके उन्हें फसलों के अवशेष जलाने से मिट्टी, जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य पर होने वाले कुप्रभाव के प्रति जागरूक किया जाए। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में लगे हुए लाउडस्पीकरों का प्रयोग करते हुए जन सामान्य को यह चेतावनी भी निर्गत की जाए कि यदि उनके द्वारा फसलों के अवशेष जलाये जाते है तो इसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना मानते हुए उनके विरूद्ध जुर्माना की एवं विधिक कार्यवाही की जायेगी। 

 फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर अथवा अन्य कोई फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र का उपयोग किया जाना अनिवार्य होगा। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि उक्त व्यवस्था के बगैर कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई न करने पाए। इसके अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जनपद में चलने वाली प्रत्येक कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ कृषि विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग का एक कर्मचारी नामित रहे, जिसके द्वारा अपनी देख-रेख में कटाई का कार्य कराया जायेगा। 

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