उल्लास से मनाया गया गार्गी वैदिक कन्या गुरुकुल का वार्षिकोत्सव
अधिक से अधिक लडकियों को गुरुकुल भेजने का आहवान
शामली। गार्गी वैदिक कन्या गुरुकुल कनियान का वार्षिक उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमें मुख्य अतिथि डा. चन्द्रवीर राणा सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद ने कहा कि चक्रवर्ती राज्य में भारत आर्यव्रत नाम से अमेरिका कनाडा तक फैला हुआ था, उस दौरान वेद का प्रचलन था, लेकिन कुछ लोगों ने इसे अपनी आय का साधन बना लिया और आडंबर के चलते लड़कियों को वेद सुनना और और पढ़ना निषेध कर दिया गया।उन्होंने कहा कि एक पढ़ी-लिखी लड़की केवल दो घरों को ही नहीं बल्कि 20 घरों को संस्कारित करती है।उन्होंने कहा कि अधिकतर स्वतंत्रता सेनानी आर्य समाज विचारधारा से जुड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि यज्ञ एक श्रेष्ठ कार्य है, जिसका व्यापक प्रभाव है और यह ब्रह्मांड को शुद्ध करता है। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष करण सिंह ने कहा कि गुरुकुल के बिना आर्य समाज जीवित नहीं रह सकता, इसलिए अधिक से अधिक गुरुकुलों का स्थापित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि गुरुकुल के बिना जीवन का उद्देश्य प्राप्त नहीं होता। ज्ञान से मुक्ति मिलती है शिक्षा संस्कार जीवित रखती है। उन्होंने गुरुकुल के लिए सभी से सहयोग की अपील की तथा अधिक से अधिक लोगों को अपनी लड़कियों को गुरुकुल में भेजने का आह्वान किया। इस अवसर पर योगाचार्य मुकेश विद्यालंकार ने कहा कि चीन जैसे देश में भी मातृशक्ति को महत्व दिया जाता है। हमारी बेटी की शिक्षा समाज में राष्ट्र के निर्माण के लिए जरूरी है। क्षेत्र के लोगों को तन मन धन से गुरुकुल को शिखर तक पहुंचाने के लिए आगे आना चाहिए। कार्यक्रम को संबोधित करते भोपाल आर्य ने कहा कि वर्तमान में महिलाएं सबसे बड़ी वेद प्रचारक हैं, जो अलग-अलग प्रदेशों में गुरुकुलो का संचालन भी कर रही हैं।कार्यक्रम को अंकित कुमार, धर्मपाल सिंह तोमर, सुरेंद्र सिंह, विरेश भाटी,डा. मीरा वर्मा आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ हरेंद्र पंवार तथा संचालन विकास पंवार ने किया। इस अवसर पर गुरुकुल की प्रधानाचार्य स्वाति आर्य, ऋषि पाल सिंह लुंब, मुकेश चौधरी, कमल एडवोकेट, रामपाल, रविंद्र आर्य, सुबोध आर्य, महेंद्र सिंह पवार,सतबीर सिंह (शाहदरा), मूलचन्द शर्मा, श्री विजेन्द्र सिंह, नरेन्द्र आर्य (ग्रेटर नोएडा), डा. मीरा वर्मा, राजपाल आर्य, लक्ष्मीचंद आर्य, मा० रामपाल आर्य, श्रीमती प्रेमलता आर्य श्रीमती पूनम आर्य (शामली), धर्मपाल चौ० (रमाला), ओमपाल शास्त्री (प्र0 गुरूकुल किरठल), श्री विजय सिंह राठी (टीकरी), आदि उपस्थित रहे।