चित्रकूट -ठंड में गौवंश संरक्षण में नहीं होनी चाहिए लापरवाही- डीएम

चित्रकूट -ठंड में गौवंश संरक्षण में नहीं होनी चाहिए लापरवाही- डीएम

चित्रकूट ब्यूरो: जिलाधिकारी अभिषेक आनंद की अध्यक्षता में निराश्रित गोवंश के संरक्षण तथा भरण-पोषण व नए गौशालाओं के निर्माण, ठंड से बचाव, नगर पालिकाओं में संरक्षण आदि की समीक्षा बैठक गुरुवार को कलेक्टरेट सभागार में आयोजित की गई। 

बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से पूर्व में पशु संरक्षण के लिए दिए गए टारगेट की जानकारी ली। जिस पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया की सहभागिता मिलाकर कुल 52 हजार तक पशु संरक्षित किए गए हैं। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि बचे हुए पशुओं को भी संरक्षित करें। उन्होंने अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत राजापुर को निर्देशित किया कि जो गौवंश सड़कों पर रहते हैं, उनको अंदर कराएं। कहा कि अगर पशु बाहर से आ रहे हैं, तो अपने क्षेत्र के पशुओं की ईयर ट्रैकिंग कराएं, जिससे पता चल सके कि पशु बाहरी हैं। उन्होंने अपर जिलाधिकारी एवं राजस्व को निर्देशित किया कि सभी अधिशासी अधिकारियों को एक पत्र जारी करें कि जो व्यक्ति अपने पशुओ को छोड़ते हैं, तो उनके ऊपर प्रति पशु 500 रुपये का फाइन लगाए तथा सभी अधिशासी अधिकारी इसे सुनिश्चित कराएं। उन्होंने अधिशासी अधिकारी कर्वी को निर्देशित किया कि क्षेत्र की स्थिति ठीक नहीं है, सड़क में घूमने वाले पशुओं को अंदर कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि नई गौशाला को जल्द से जल्द संचालित कराएं। पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उन्होंने तहसीलवार व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि छोटे पशुओं को बचाने के लिए बोरे व तिरपाल की भी व्यवस्था सुनिश्चित कराएं, जिससे ठंड से पशुओं की मृत्यु न हो सके। जिलाधिकारी ने पशुओं के भरण-पोषण जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि सभी खंड विकास अधिकारी व अधिशासी अधिकारी भुगतान के लिए अपनी-अपनी फाइल जल्द से जल्द भेज कर भुगतान कराएं। सहभागिता के बारे में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि इसमें शत-प्रतिशत कर दिया गया है। डीएम ने नई गौशालाओं के संबंध में जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि जो अपूर्ण गौशालाएं हैं, उनमें प्रगति कराएं तथा अगली बैठक में कोई भी गौशाला का कार्य अपूर्ण नहीं होना चाहिए। जिलाधिकारी ने चारा-पानी के बारे में जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि सभी खंड विकास अधिकारी व अधिशासी अधिकारी सुखी पराली न खिलाकर, इसे काटकर उपलब्ध कराएं एवं उसमें चोकर-भूसा कुछ पौष्टिक आहार भी दें, जिससे कि पशु स्वस्थ रहें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर शिकायत मिली तो सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने सम्बन्धितों से कहा कि ग्रामसभा की कमाई न करें तथा जो गाइडलाइन दी गई है, उसी के हिसाब से पशुओं की देखभाल करें। 

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वंदिता श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सुभाष चंद्र सहित सभी खंड विकास अधिकारी व अधिशासी अधिकारी मौजूद रहे।