चित्रकूट -शिक्षा में भारतीय भाषाओं के तकनीकी रूप से समृद्ध भविष्य की दिशा तय करेगा।
चित्रकूट: कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित तथा दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित जन शिक्षण संस्थान द्वारा भारतीय भाषा उत्सव कार्यक्रम का समापन महाकवि सुब्रमण्यम भारती के जन्मजयंती के अवसर पर प्राचार्य डॉ राजीव पाठक, समाजसेवी एवं पूर्व विकासार्थ विद्यार्थी प्रमुख डॉ आलोक कुमार पांडेय, निदेशक जन शिक्षण संस्थान अनिल कुमार सिंह, हिंदी प्रवक्ता शालू कुमारी, संस्कृत अनिल सिंह, अंग्रेजी प्रदीप शुक्ला द्वारा पोद्दार इण्टर काॅलिज में माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन के साथ हुआ।
निदेशक अनिल कुमार सिंह ने कहा कि 28 सितंबर से 11 दिसंबर तक 75 दिनों के लिए भाषा अनेक, भाव एक थीम के साथ भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन विविध रूपों में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन क्षेत्रीय भाषाओं और तकनीकी के उपयोग के माध्यम से भाषा सीखने को बढ़ावा देना है, जो शिक्षा में भारतीय भाषाओं के तकनीकी रूप से समृद्ध भविष्य की दिशा तय करेगा। यह विषय भारतीय भाषा को बढ़ावा देने में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर जोर देंगे, जिसमें शिक्षण, प्रशिक्षण, परीक्षा और शैक्षिक सामग्री के अनुवाद में इसकी भूमिका शामिल है। समाजसेवी डॉ आलोक कुमार पाण्डेय ने कहा कि भाषा अभिव्यक्ति का स्वास्थ्र्यधिक विश्वसनीय माध्यम है। यह हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। एनईपी-2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप वर्तमान शिक्षा ईको-प्रणाली से भारतीय भाषाओं में निहित सहज अंतरण की सुविधा प्रदान करना है। प्राचार्य डॉ राजीव पाठक ने कहा कि महाकवि भारतियार की कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। वह एक कवि होने के साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सेनानी, समाज सुधारक, पत्रकार तथा उत्तर भारत व दक्षिण भारत के मध्य एकता-सेतु के समान थे। इस अवसर पर शालू कुमारी, अनिल सिंह एवं प्रदीप शुक्ला ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का सफल संचालन सुघर सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सहायक परियोजना समन्वयक प्रभाकर मिश्र ने किया।
इस मौके पर अजय पाण्डेय, गणेश पटेल, धीरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।