होम्योपैथी चिकित्सा शिविर में हुआ 198 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण.
चित्रकूट: उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में सोमवार को न्यायालय परिसर में होम्योपैथी के आमजन तक जानकारी के सन्दर्भ में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने होम्योपैथी के जनक हैनीमैन के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। शिविर में सर्वप्रथम होम्योपैथ के विशेषज्ञों द्वारा जनपद न्यायाधीश की जांच कर होम्योपैथी दवा के सेवन के बारे में बताया गया।
जनपद न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने बताया कि होम्योपैथी एक पूरक या वैकल्पिक चिकित्सा है। इसका मतलब यह है कि यह उन उपचारों से महत्वपूर्ण रूप से अलग है जो पारम्परिक पश्चिमी चिकित्सा का हिस्सा हैं। होम्योपैथी 1790 के दशक में सैमुअल हैनीमैन नामक एक जर्मन चिकित्सक द्वारा विकसित विचारों की एक श्रृंखला पर आधारित है।
जिला होम्योपैथी चिकित्साधिकारी डाॅ दिलीप सिंह ने बताया कि शिविर में कुल 198 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर निशुल्क औषधि वितरण किया गया।
इस मौके पर राममणि पाठक विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट, राजेन्द्र प्रसाद भारतीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सचिन कुमार दीक्षित प्रभारी सचिव, सिविल जज सीडि, मनोज कंचनी सचिव जिला अधिवक्ता संघ, हेमराज सिंह पूर्व अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा राजेश कुमार, डा शकुन्तला पाण्डेय, डीपीएम आयुष शिवम शुक्ला व बद्री प्रसाद वर्मा आदि मौजूद रहे।
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