श्री शिवमहापुराण कथा में गूंजा कार्तिकेय-गणेश जन्म प्रसंग।
राष्ट्रीय संत स्वामी कमलदास जी बापू ने सुनाई दिव्य कथा, श्रद्धालुओं ने पाया आध्यात्मिक लाभ
बांदा। महाकुंभ के पावन अवसर पर श्री लइना बाबा सरकार धाम में चल रही 9 दिवसीय श्री शिवमहापुराण कथा के सातवें दिन राष्ट्रीय संत स्वामी कमलदास जी बापू (अलवर, राजस्थान) ने भक्तों को कार्तिकेय एवं गणेश जन्म की कथा सुनाई। कथा के दौरान पूरा पंडाल भक्तिरस से सराबोर हो गया, और श्रद्धालु भगवान शिव-पार्वती के दिव्य प्रसंगों में लीन हो गए।
स्वामी कमलदास जी बापू ने कहा कि धर्म की रक्षा और सृष्टि के कल्याण हेतु भगवान शिव ने अपने तेज से कार्तिकेय जी का जन्म किया, जबकि माता पार्वती के आशीर्वाद से भगवान गणेश इस संसार में आए। उन्होंने बताया कि कार्तिकेय और गणेश दोनों ही ज्ञान, शक्ति और धर्म के प्रतीक हैं, जिनकी आराधना से जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, भक्ति में डूबे भक्त
इस पावन अवसर पर कथा सुनने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु उमड़े। मुख्य यजमान प्रमोद सोनी एवं उनकी धर्मपत्नी रुचि सोनी ने विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके अलावा मंदिर पुजारी राजू जी, भोला प्रसाद सोनी, प्रेमचंद सोनी, रामबाबू सोनी, रामशरण सोनी, राकेश सोनी, विष्णु सोनी, अनूप सोनी, बाबूलाल कुशवाहा, दादूलाल सिंह, लक्ष्मीकांत, दिनेश सोनी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
एसडीएम कॉलोनी, कर्वी से पहुंचे अनुसुइया प्रसाद यादव एवं उनकी धर्मपत्नी पूनम यादव ने भी कथा का श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। सैकड़ों माताएं-बहनें भक्ति-भाव में डूबी रहीं और शिव महिमा का गुणगान किया।
अध्यात्म और भक्ति का अनूठा संगम
कथा के अंत में स्वामी कमलदास जी बापू ने भक्तों को धर्म, सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि शिवमहापुराण का श्रवण मात्र से जीवन पवित्र हो जाता है और मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
नौ दिवसीय इस दिव्य कथा का समापन विशाल भंडारे और शिव महाआरती के साथ होगा, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।