शामली। झिंझाना के बलेहडा गांव में सरकारी मदद से बने विधवा के एक मकान को कुछ लोगों ने तोड़ दिया। विधवा को पानीपत में रहकर मजदूरी करने के दौरान इस घटना की सूचना मिली तो अपने परिवार के लोगों के साथ गांव में पहुंची। यहां मकान टूटने की वजह से अंजों व देवर का संयुक्त परिवार अब डोकपुरा ग्राम पंचायत की गौशाला में रहने को मजबूर है। पुलिस को घटना की सूचना दे दी गई है।
करीब 50 वर्षीय अंजू पत्नी विनोद पुत्र बाबू करीब 8 साल पहले पति की मौत के कारण विधवा हो गई थी। बताया गया कि करीब 15 साल पहले सरकारी मदद से अंजों का मकान बलहेडा गांव में बनाया गया था। तथा एक शौचालय भी करीब तीन साल पहले बनाया गया था। पति की मौत के बाद से अंजों अपने देवर टीटू उर्फ धीर सिंह के परिवार के साथ रह रही है। पिछले करीब 2 वर्षों से पानीपत में रहकर मजदूरी करते हैं। मगर यहां बलहेडा गांव में आवागमन लगा रहता है। करीब 4 दिन पहले बलहेडा गांव के अंजों के मकान को कब्जा करने की नीयत से कुछ लोगों ने तोड़कर मलवे मे बदल दिया। सूचना मिलने पर अपने देवर के परिवार के साथ जब गांव में पहुंची तो उसका घर विसमार मिला। ग्राम प्रधान पति सुनित चौ० से शिकायत करने के बाद गांव की गौशाला में अंजों के परिवार को आसरा लेना पड़ा। अंजू अब न्याय की आस लगाए बैठी है।
घर तोड़ने के बाद हुई पंचायत
डोकपुरा के प्रधान सुमित का कहना है कि घर तोड़ने के बाद इस बात को लेकर एक पंचायत का आयोजन भी किया गया। जिसमें आरोपियों ने मकान बनाकर देने की बात कही थी जो बाद में मुकर गए। पुलिस को दी गई शिकायत के बाद अब उनके फैसले का इंतजार है।
क्या बोले आरोपी
बलहेडा की विधवा अंजो के देवर टीटू उर्फ धीरू ने बलहेडा गांव के निवासीगण असलम , मनव्वर , मुकरीम आदि पर मकान तोडने के आरोप लगाये है। आरोपियों का कहना है कि उन्होने ये मकान अभी 4 दिन पहले टीटू के छोटे भाई जसबीर उर्फ चुन्नू से 48 हजार रूपये का खरीदा है। क्योकि विधवा टीटू के पास नही चुन्नू के पास रहती है। उनका यह भी कहना है कि सभी भाइयों ने अपना अपना हिस्सा बेच दिए हैं और इधर उधर जाकर रहने लगे हैं। गौरतलब है यह जमीन खाद के गड्ढों की है जिस पर सभी भाइयों के मकान थे। इस जमीन को खरीदने का कोई बैनामा खरीदारों के पास नहीं मिला। आरोपियों ने गांव की राजनीति का षड्यंत्र बताया है।