चित्रकूट -जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द की अध्यक्षता में वाटर सेड विकास घटक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के अंतर्गत जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया जिसका शुभारंभ जिलाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
वाटरशेड विकास घटक प्रधानमंत्री कृषक सिंचाई महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजना। डीएम
जिलाधिकारी ने कहा कि वाटरशेड विकास घटक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है इसका मूल उद्देश्य है की जो इस योजना के तहत गांव चयनित किए गए हैं उन पर उपज को बढ़ाना है उसमें सिंचाई, वन, उद्यान, कृषि, मनरेगा, मत्स्य, पशुपालन आदि कन्वर्जन से कार्य इन गांव में कराए जाएंगे सभी विभाग इन 25 गांव का सर्वे कराकर बेसलाइन तैयार कराएं और भूमि संरक्षण अधिकारी द्वितीय को उपलब्ध कराएं ताकि उसी के अनुसार प्रस्ताव तैयार कराकर कार्य कराए जा सके ताकि किसानों की पैदावार को बढ़ावा दिया जा सके उन्होंने कहा कि मनरेगा से तालाब चकरोड समतलीकरण आदि कार्य कराए जा रहे हैं इस योजना में गांव का समग्र विकास कराया जाएगा सभी किसान भाई एफपीओ स्वयं सहायता समूह प्रधान आदि इस योजना का लाभ उठाएं उन्होंने भूमि संरक्षण अधिकारी द्वितीय श्री विमलेश कुमार को निर्देश दिए कि वाटर शेड कमेटी की बैठक प्रत्येक माह अवश्य कराई जाए। डीसी मनरेगा धर्मजीत सिंह से कहा कि इन चयनित गांव में शासकीय भूमि को चिन्हित करा कर स्वयं सहायता समूह को फलदार पौधे लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं तथा तालाब और चकरोड के भी कार्य कराए जाएं उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि किसानों की आय कैसे दोगुनी हो जो शासन से दिशा निर्देश दिए गए हैं उसी के अनुसार कार्य कराए जाएं उन्होंने किसानों से कहा कि सभी विभागों की योजनाओं को आप लोगों ने अच्छी तरह से आज कार्यशाला में समझा है उसी के अनुसार खेती कराएं तथा अपनी उपज को बढ़ाएं अन्न मोटे अनाज को भी बढ़ावा दिया जाए, प्राकृतिक खेती को अपनाएं, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए बकरी पालन मुर्गी पालन,सूकर पालन में स्वयं सहायता समूहों को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाया जाए डीसी मनरेगा ने भूमि संरक्षण अधिकारी से कहा कि जिन गांवों को चयनित कर कार्य का पैकेज दिया गया है उसमें मनरेगा से कार्य के लिए जो भी कराया जाना है उसके संबंध में प्रस्ताव तैयार कराया जाए उन्होंने किसानों से कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें।
भूमि संरक्षण अधिकारी द्वितीय विमलेश कुमार ने बताया कि वाटर सेड विकास घटक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जनपद में 25 ग्राम चयनित किए गए हैं जिसमें विभिन्न विभागों के कन्वर्जन से कार्य कराए जाएंगे यह परियोजना पूरे 5 वर्ष के लिए लागू की गई है इन सभी योजनाओं के लाभ लेने के लिए हमारे भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों से किसान भाई संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं इसके अलावा भूमि संरक्षण विभाग की भी योजनाएं संचालित है उनका लाभ ले तथा कृषि विज्ञान केंद्र गनींवा में भी विभिन्न योजनाओं से संबंधित जानकारी प्रशिक्षण के दौरान किसानों को दिलाई जाती है। उन्होंने प्रारंभिक क्रियाकलाप उत्तर प्रदेश भूमि एवं जल संरक्षण अधिनियम 1963 की धारा 9 (1) (2) में डब्ल्यूडीसी, जन सहभागिता हेतु समितियों का गठन संस्थागत तथा क्षमता निर्माण, आजीविका संवर्धन क्षमता विकास वाटर शेड समिति समिति के कार्य यांत्रिक उपचार, अकृष्य भूमि के लिए उपचार ड्रेनेज लाइन उपचार मध्यम भाग हेतु उपचार निचला भाग हेतु उपचार आदि विभिन्न बिंदुओं की जानकारी दी।
कार्यशाला के दौरान डीसी मनरेगा धर्मजीत सिंह, उपनिदेशक कृषि श्री राजकुमार, जिला उद्यान अधिकारी आशीष कटियार, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ सुभाष चंद्र, अग्रणी जिला प्रबंधक इंडियन बैंक दीपक कुमार, उप क्षेत्रीय वन अधिकारी हरि शंकर सिंह, मत्स्य विभाग के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केंद्र गनींवा के वैज्ञानिक ने विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी एवं प्रधान, एफपीओ के सदस्य, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने भी अपने सुझाव रखे,
इस अवसर पर भूमि संरक्षण अधिकारी चित्रकूट तुलसीराम , भूमि संरक्षण इंस्पेक्टर शशिकांत सहित संबंधित विभागीय अधिकारी कर्मचारी एवं समिति के सदस्य आदि मौजूद रहे।