बागी भाजपाई का नामांकन जीत में बन सकता है बाधा
निर्दलीय प्रत्याशी जीत की ठोक रहे ताल
बागी भाजपाई का नामांकन जीत में बन सकता है बाधा
- पर्चा भरने से पहले पार्टी के प्रति जाहिर की थी निष्ठा
- इंटरनेट मीडिया में जारी किए गए पोस्टर पर अब लोग दे रहे हैं अलग-अलग प्रतिक्रिया
थानाभवन- निकाय चुनाव में सत्ता पार्टी से टिकट की दावेदारी कर रहे भाजपाइयों का बागी होना सत्ता पार्टी के प्रत्याशी की जीत में बाधा बन सकता है। टिकट की दावेदारी करते समय भाजपा से टिकट मांग रहे सभी दावेदारों ने टिकट ना मिलने पर भी पार्टी के प्रति निष्ठावान बने रहने के बैनर भी इंटरमीडिया में वायरल किए थे। जिन पर अब आम जनता अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रही है।
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर प्रत्याशी अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए जनता के बीच में जाकर तमाम लुभावने वायदे कर रहे हैं और अपने अपने हक में समीकरण साधने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच मामला इंटरनेट मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है कि थानाभवन निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से निकाय चुनाव लड़ने के लिए संदीप जिंदल अपनी पत्नी रूबी जिंदल के लिए एवं संजीव कश्यप अपनी पत्नी सुषमा कश्यप के लिए एवं संजय शर्मा अपनी पत्नी अंजली शर्मा के लिए टिकट मांग रहे थे तीनों ही प्रत्याशियों ने अपने अपने स्तर और पार्टी के पदाधिकारियों को अपनी जीत का समीकरण समझाने का दावा करते हुए टिकट मांगा था। वहीं तीनों प्रत्याशियों द्वारा इंटरनेट मीडिया में पोस्ट जारी करते हुए कहा गया था कि हम पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं और पार्टी से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। टिकट ना मिलने पर भी हम पार्टी के साथ रहकर निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी द्वारा निवर्तमान चेयरमैन संजय शर्मा की पत्नी अंजली शर्मा को मजबूत दावेदार मानते हुए निकाय चुनाव थानाभवन से भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया गया। उसके बाद से ही तमाम अटकलें चल रही थी, लेकिन नामांकन के समय संदीप जिंदल द्वारा अपनी पत्नी संदीप रूबी जिंदल के नाम से निर्दलीय के रूप में चेयरमैन प्रत्याशी के लिए नामांकन कर दिया गया। अब भाजपा नेता द्वारा पार्टी से बगावत करने का मामला भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी की जीत में बाधा बन सकता है। क्योंकि वैश्य समाज के निकाय चुनाव में अच्छा खासा वोट बैंक है अब लोगों ने इंटरनेट मीडिया में दावेदारी करते समय पार्टी के प्रति टिकट न मिलने पर भी निष्ठावान करने का दावा करने वाले पोस्टर डालने शुरू कर दिए हैं। जो चर्चा का विषय बने हुए हैं। खैर चुनाव का नतीजा जो भी हो लेकिन नेताओं द्वारा टिकट पाने के लिए किए जाने वाले तमाम दावों पर विश्वास नहीं किया जा सकता। जानकारी के अनुसार इससे पहले भी संदीप जिंदल द्वारा निकाय चुनाव में चेयरमैन प्रत्याशी के रूप में दावेदारी की गई थी लेकिन उस समय भी लास्ट मौके पर संदीप जिंदल ने अपना नामांकन वापस लेकर एक निर्दलीय प्रत्याशी को अपना समर्थन दे दिया था। यह बातें भी अब चर्चा का विषय बनी हुई है। अब यह तो भविष्य ही तय करेगा कि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने वाली रूबी जिंदल भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी का कितना नुकसान कर पाएगी या अपनी जीत को कैसे मुकम्मल करेंगी।