लोक साहित्य संस्कृति समिति द्वारा मालवीय जी की पुण्यतिथि पर नमन व काव्य गोष्ठी आयोजित
संवाददाता आशीष चंद्रमौली
खेकड़ा | भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि पर नगर की लोक साहित्य संस्कृति के अध्यक्ष गजेंद्र गजानन की अध्यक्षता में सादर नमन करते हुए काव्य गोष्ठी आयोजित की गई |
काव्य गोष्ठी से पूर्व पं मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि पर उनको नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई | नगर के छात्र छात्राओं व नवोदित कवि प्रतिभाओं ने मालवीय जी की विनम्रता, लक्ष्य के प्रति सतत प्रयास और शुद्ध भारतीयता के प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में श्रद्धा पूर्वक स्मरण किया |
काव्य गोष्ठी का मंच संचालन नवोदित कवि कश्यप राजेश राज द्वारा किया गया, जिसमें सर्वप्रथम माँ सरस्वती की वंदना करते हुए विकास चौधरी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत करते हुए कहा कि, हंसवाहिनी वीणावादिनी देवों की आराध्या मैया, कर दो मन बुद्धि को निर्मल पार लग़ा दो सबकी नैया | वरिष्ठ कवि गजेंद्र कौशिक गजानन ने प्रसंगवश मालवीय जी के संबंध में कुछ यूँ कहा, मां संस्कृति एवं पिता संस्कार ,गुरु के ज्ञान से होता है उद्धार
राष्ट्रीय स्वाभिमान मान मिला जो भारत रत्न का सम्मान, ऐसे ज्ञानी पं मालवीय जी को बार-बार करते गुणगान |
कवि रमेश बाबू व्यस्त की प्रस्तुति गोष्ठी में कुछ इस तरह रही -आदर्श महामना के आदर्श अपनाएं ,न्याय के पथ पर कदम बढ़ाएं, भारत को विश्व गुरु बनाएं | कवयित्री वैशाली ने कहा कि,
ज्ञान का दीपक जले हृदय से उतारें आरती मां भारती मां भारती मां भारती | संचालक कवि कश्यप राजेश राज ने कहा कि, विज्ञान अध्यात्म से शिक्षा जोडें, तोडें रूढी की जंजीर, देश का गौरव पहले जैसा हो , इसके लिए होवें गम्भीर |