कांग्रेसियों ने मनाई आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती.
मौलाना अबुल कलाम आजाद अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ़ थे, उन्होंने अंग्रेजी सरकार को आम आदमी के शोषण के लिए जिम्मेवार ठहराया -- कांग्रेस
हापुड़
मोहल्ला पीर बहाउद्दीन में देश के पहले शिक्षा मंत्री, महान स्वतंत्रता सैनानी व भारतरत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती कांग्रेसियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देकर जयंती धूमधाम से मनाई ओर महान स्वतंत्रता सैनानी आजाद साहब को याद करते हुए अल्पसंख्यक विभाग कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ख्वालिद खान ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने और 1940 और 1945 के बीच कांग्रेस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के बाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।
*सेवादल यंग ब्रिगेड के जिलाध्यक्ष निसार खान ने कहा* कि आजाद साहब अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ़ थे। उन्होंने अंग्रेजी सरकार को आम आदमी के शोषण के लिए जिम्मेवार ठहराया था। उन्होंने अपने समय के मुस्लिम नेताओं की भी आलोचना की जो उनके अनुसार देश के हित के समक्ष साम्प्रदायिक हित को तरज़ीह दे रहे थे। श्रद्धासुमन अर्पित करने वालो में विधि विभाग कांग्रेस के जिला चेयरमैन रघुवीर सिंह एडवोकेट, गुलफाम कुरैशी, रिजवान कुरैशी, शादाब सैफी, सेवादल जिलाध्यक्ष अंकित शर्मा, मास्टर जहीर, रमजान अंसारी, उस्मान सैफी, इलियास चौधरी, सुबोध शास्त्री, रिजवान कुरैशी, जितेंद्र अग्रवाल, गौरव गर्ग, देवेंद्र कुमार, भरतलाल शर्मा, सुबोध शास्त्री,असलम सैफी, अतिकुर रहमान, मोनू भाटी,मुजम्मिल मलिक, सादक कुरैशी, सद्दाम अब्बासी, शादाब मलिक, मुस्तकीम चौधरी, शाहिद, शहजाद मेवाती,जलालुद्दीन सैफी, आस मोहम्मद, इसरार सैफी, शकील अंसारी आदि लोग मौजूद रहें.!