श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
दरियाबाद बाराबंकी :: टिकैतनगर क्षेत्र के डेरेराजा में श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिन वृंदावन के मानस मर्मज्ञ संत अतुल कृष्ण भारद्वाज ने वेदों की प्रेरणा एवं इतिहासिक प्रसंग पर राक्षसी पूतना पर कहा है कि आज भी समाज में हजारों पूतना जीवित हैं कहा कि भगवान किसी को मारते नहीं बल्कि तारते हैं पहले तीनों अवतारों में महिला रूपी राक्षसों को ही नाश किया इसका अर्थ यह नहीं है कि भगवान किसी को मारते हैं बल्कि वह अविद्या रूपी राक्षसों का नाश कर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं यदि यह विद्या अविद्या घर परिवार में आ जाए तो घर में कलह एवं अशांति रहती है अर्थात पूतना रूपी राक्षसी अखबार मोबाइल एवं टीवी इत्यादि के माध्यम से प्रत्येक घर व परिवार में पहुंच चुकी है और परिवार को तोड़ने का कार्य कर रही है जिसका प्रभाव पूरे जीवन और समाज में पड़ रहा है आज आवश्यकता है कि पूतना रूपी वृत्ति से सावधान रह जाए हमें ध्यान रखना है कि क्या देखना पढ़ना और सुनना चाहिए और किस तरीके से भोजन करना चाहिए भोजन को छोड़ा जा सकता है क्योंकि वह शरीर के काम आता है परंतु दृष्टि से देखा गया काम से सुना गया और स्वयं पढ़ हुआ यह सभी जीवन का आचरण में आकर समाज को सत्य एवं असत्य दिशा का मार्ग दर्शन करता है
उन्होने वासुदेवानंद बाबा के मिलने के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा है कि सच्ची मित्रता वही है जो मित्र के कष्टों को सुनकर उसे अपने कष्ट मानकर दूर करने का प्रयत्न करते हैं व्यक्तिगत कष्टों को मित्र के सामने कभी भी चर्चा नहीं करनी चाहिए कहा कि मनुष्य जिस भाव से भगवान का सुमिरन करता है भगवान उसी भाव से उसे अपने हृदय में बसा लेते हैं भगवान के बाल स्वरूप की पूजा पर बल देते हुए कहा कि पूजा एवं सेवा पूरी तरह से निस्वार्थ भाव से होती है और उसमें किसी तरह की अपेक्षा नहीं होती है कथा के अंत में भगवान श्री कृष्ण का की लीलाओं एवं माखन चोरी के प्रसंगों को अति मार्मिक ढंग से श्रोताओं के सामने प्रस्तुत की भवन में बैठे हैं हजारों श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हो उठे। कथा में खाद्य एंव रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा व चेयरमैन जगदीश प्रसाद गुप्ता, एमएलसी अंगद सिंह, भाजपा नेता प्रमोद तिवारी ने पहुंचकर कथा व्यास का माल्यार्पण किया व आरती में शामिल हुए। मनोज कुमार शर्मा, विवेक मिश्रा, तेज नारायण जयसवाल, रवि कांत दीक्षित, गंगाबक्स सिंह, केदारनाथ गुप्ता,मौजूद रहे।