श्रृंगऋषि ने दिया राजा परीक्षित को श्राप।

श्रृंगऋषि ने दिया राजा परीक्षित को श्राप।

परीक्षितगढ़। अखिल विद्या समिति के तत्वाधान में परीक्षितगढ़ महोत्सव के अंतर्गत नगर की गिन्डौडिया धर्मशाला में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कि कथा का वर्णन करते हुऐ कथावाचक आचार्य कन्हैया दीक्षित ने कहा कि राजा परीक्षित वन विहार करते हुए श्रृंगऋषि के आश्रम में पहुचे अतिथि सत्कार नही मिलने पर राजा परीक्षित ने क्रोध वश मरा हुआ सर्प उठाकर शमीक ऋषि के गले में डाल दिया और अपने महल में वापस आ गये जब यह बात कौशिकी नदी में स्नान कर रहे शमीक ऋषि के पुत्र श्रृंगऋषि को पता चली तो उन्होंने राजा परीक्षित को तक्षक नाग द्वारा 7वे दिन मृत्यु का श्राप दे डाला तब शमीक ऋषि द्वारा राजा परीक्षित को श्राप की जानकारी मिली तो अपना उद्धार के लिए शुकतीर्थ में सुकदेव जी से श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण किया सातवें दिन तक्षक द्वारा राजा परीक्षित की मृत्यु हुई इससे पूर्व कथा के यजमान रविंद्र प्रधान पूजा प्रधान ने श्रीमद् भागवत पुरान का पूजन कराया। अखिल विद्या समिति के अध्यक्ष विष्णु अवतार रुहेला ने बताया कि बुधवार को परीक्षितगढ़ महोत्सव में परीक्षितगढ़ के पर्यटन स्थलों की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी जिसमें सैकड़ों स्कूली बच्चे भाग लेंगे

इस अवसर संजय शर्मा, लोकेश गर्ग, पूनम रुहेला, बाला देवी,मोहिनी वर्मा, बाला देवी,रिंकू सिंह,उर्मिला, सुदेश त्यागी,पारुल वर्मा,सत्तो देवी,ओम प्रकाश,आदि उपस्थित रहे।