चित्रकूट -श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पहले दिन निकली भव्य कलश यात्रा।

चित्रकूट -श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पहले दिन निकली भव्य कलश यात्रा।

 जिला मुख्यालय की एसडीएम कॉलोनी में मंगलवार को श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन भव्य रूप से कलश यात्रा निकाली गई। प्रथम दिन की कथा में कथा व्यास आचार्य बलुआ महाराज ने श्रीमद्भागवत के महात्म्य के बारे में बताया कि श्रीमद्भागवत कथा के स्मरण करने मात्र से हमारे सभी पाप नष्ट हो जाते है और अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती है।

कथा व्यास आचार्य बलुआ महाराज ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने के लिए देवता गण भी तरसते रहते है और मानव प्राणी को इस कथा का लाभ व आशीर्वाद आसानी से मिल सकता है। जब धुंधकारी प्रेत के निमित्त श्री गोकर्ण महाराज ने भागवत कथा सुनाकर प्रेत योनि से मुक्ति दिलाई। धन्या भागवती वार्ता प्रेत पीड़ा विनासिनी अर्थात मोक्ष के लिए श्रीमद्भागवत वरदान है। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण से जीवन मंगलमय होता है। बताया कि जब भक्ति कथा के माध्यम से हृदय में प्रवेश करती है, तो आनंद के हिलोरे स्वतः उठने लग जाते है और जीवन धन्य एवं कृतार्थ हो जाता है। श्रीमदभागवत के महात्म्य के प्रथम अध्याय के पहले श्लोक में सत-चित-आनन्द स्वरूप परमात्मा की स्तुति की गई है। जिसके द्वारा इस जगत की उत्पत्ति, पालन तथा विनाश आदि हो रहा है तथा जो इस जगत के प्राणिंयों को उसके जीवन में व्यापत त्रितापों (दैहिक, दैविक तथा भौतिक तापों) अर्थात कष्टों से मुक्ति प्रदान करने वाला है। बताया कि श्रीमद्भागवत कथा कलियुग में मनुष्यों के जीवन और मृत्यु के चक्र में होने वाले कष्ट से मुक्ति प्रदान करने वाली है। यह मनुष्य के मन की शुद्धि का सर्वोत्तम साधन है। यह कथा सिर्फ उन मनुष्यों को उपलब्ध होती है, जिनके जन्म-जन्मान्तर के पुण्य अर्थात शुभ कर्म उदय होते हैं। श्रीमद्भागवत की कथा परमात्मा की कृपा से ही उपलब्ध होती है। प्रथम दिन की श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर श्रृद्धालु अत्यंत उत्साहित एवं पल्लवित हुए। इस दौरान मुख्य यजमान रामसूरत पयासी, सावित्री देवी, प्रभाकर द्विवेदी, आशीष द्विवेदी, राधेरमण पयासी, उमेश पयासी, सरयू पांडेय, निरंजन मिश्र, इं. रोहित कुमार मिश्र, एड. देवेंद्र कुमार पांडेय, पिंटू केशरवानी, गुड्डू गुप्ता आदि मौजूद रहे।