ठंड से बचाव के लिए गौशालाओं में तिरपाल लगाना अनिवार्य: जिलाधिकारी।

चित्रकूट ब्यूरो: निराश्रित और बेसहारा गौवंशों की सुरक्षा और देखभाल को प्राथमिकता देते हुए सोमवार को जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने गौशालाओं की समस्याओं की विस्तार से जानकारी ली और उनकी बेहतरी के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश हैं कि गौवंशों को पौष्टिक आहार और हरा चारा नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाए, जिससे वे स्वस्थ रहें और बीमारियों से बच सकें। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जिन गौशालाओं के पास चारागाह की जमीन उपलब्ध है, वहां जियो ट्रैकिंग की जाए। जहां चारागाह की कमी है, वहां निजी जमीन का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायतों में उपलब्ध चारागाह के अतिरिक्त चारे को जरूरतमंद गौशालाओं तक पहुंचाने के लिए समुचित प्रबंधन करने को कहा गया।
ठंड से बचाव के विशेष निर्देश
जिलाधिकारी ने ठंड के प्रभाव से गौवंशों को बचाने के लिए सभी गौशालाओं में तीन दिन के भीतर तिरपाल लगवाने का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर इस कार्य में लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
नोडल अधिकारियों को कड़ी चेतावनी
जिलाधिकारी ने गौशालाओं की देखभाल के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। जो अधिकारी अनुपस्थित रहे, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
उपस्थित अधिकारी:
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, अपर जिलाधिकारी उमेश चंद्र निगम, उपजिलाधिकारी मानिकपुर पंकज वर्मा, कर्वी पूजा साहू, मऊ सौरभ यादव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
समर्पण का संकल्प:
जिलाधिकारी ने कहा कि गौवंश हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय धरोहर हैं। उनकी सुरक्षा और संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा कि बेसहारा गौवंशों को बेहतर जीवन मिले।