महाकुंभ में शिवमहापुराण कथा: स्वामी कमलदास जी का संदेश, "पति की आज्ञा न मानने वाली स्त्री का होता है सती जैसा हश्र"

महाकुंभ में शिवमहापुराण कथा: स्वामी कमलदास जी का संदेश, "पति की आज्ञा न मानने वाली स्त्री का होता है सती जैसा हश्र"

चित्रकूट। महाकुंभ के उपलक्ष्य में शिवरामपुर स्थित श्री लइना बाबा सरकार धाम की विशेष अनुकंपा से श्री परमानंदेश्वर परमधाम महादेव मंदिर, तहसील परिसर कर्वी, जिला चित्रकूट में 9 दिवसीय श्री शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। राजस्थान के अलवर से पधारे राष्ट्रीय संत एवं कथा वाचक स्वामी कमलदास जी बापू ने कथा के पांचवें दिन सती जन्म और शिव-सती विवाह की कथा का वर्णन किया।

कथा में स्वामी कमलदास जी ने कहा, "जो स्त्री अपने पति की आज्ञा का उल्लंघन करती है, उसका अंत सती जैसा होता है। यदि सती ने भगवान शंकर की आज्ञा का पालन किया होता और बिना निमंत्रण अपने पिता के यज्ञ में नहीं गई होतीं, तो उन्हें अपने प्राणों की आहुति नहीं देनी पड़ती।" उन्होंने यह कथा समाज में पारिवारिक संस्कार और दांपत्य जीवन के महत्व को रेखांकित करने के उद्देश्य से सुनाई।

मुख्य यजमान ने किया महादेव का अभिषेक

कथा के शुभारंभ से पहले मुख्य यजमान अनुसुइया प्रसाद यादव और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पूनम यादव ने भगवान शिव का विधिवत अभिषेक किया। कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु, विशेषकर महिलाएं और माताएं, उपस्थित रहीं।

भव्य झांकी का होगा आयोजन

स्वामी कमलदास जी की धर्मपत्नी श्रीमती ज्ञानवती देवी मिश्रा ने जानकारी दी कि 21 जनवरी, मंगलवार को कथा के छठे दिन पार्वती जन्म की कथा का वर्णन होगा। इस अवसर पर पार्वती जी की भव्य झांकी भी प्रस्तुत की जाएगी, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होगी।

महाकुंभ के इस विशेष आयोजन में आध्यात्मिक ज्ञान और सामाजिक संदेश का अद्भुत समावेश हो रहा है, जो श्रद्धालुओं को शिवमहापुराण के महत्व और जीवन में धार्मिक आचरण की प्रेरणा दे रहा है।